Page 6 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 2
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मनु य मा ब धु ह ' यह बड़ा ववेक ह,
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पुराणपु ष वयंभू पता स ध एक ह।
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फलानुसार कम क अव य बा य भेद ह ,
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परतु अंतर य म माणभूत वेद ह ।
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अनथ ह क ब धु ह न ब धु क यथा हर,
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वह मनु य ह क जो मनु य क लए मjs
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ब धु - भाई बंधु
ववेक - समझ
वयंभू - परमा मा, वयं उ प न होने वाला
अंतर य - आ मा क एकत, अंतःकरण क एकता
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माणभूत - सा ी
यथा – दुःख,क ट
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या या -: क व कहता ह क यक मनु य एक दूसर क भाई - ब धु ह ।यह
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सबस बड़ी समझ ह। पुराण म िजसे वयं उ प न पु ष मना गया ह, वह
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परमा मा या ई वर हम सभी का पता ह, अथा त सभी मनु य उस एक ई वर क
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संतान ह । बाहर कारण क फल अनुसार यक मनु य क कम भले ह अलग
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अलग ह पर तु हमार वेद इस बात क सा ी ह क सभी क आ मा एक ह। क व
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