Page 4 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 2
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               रखता ह  य  क मनु य वह   यि त कहलाता ह जो इन सब चीज  स ऊपर उठ
               कर सोचता ह।
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                                                                                                     s
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               अनत अंत र  म  अनंत दव ह  खड़े,
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                          सम  ह   वबाह जो बढ़ा रह बड़े-बड़े।
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               पर परावलंब से उठो तथा बढ़ो सभी,
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               रहो न यां  क एक से न काम और का सर,
                                                                े
                            वह  मनु य ह  क जो मनु य क  लए मर।
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