Page 2 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 2
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वह ह जो दुःख म दूसर मनु य क काम आय।अं तम भाग म क व कहना चाहता
ह क वप और व न को हटाते हए मनु य को अपने चुन हए रा त पर चलना
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चा हए ,आपसी समझ को बनाये रखना चा हए और भेदभाव को नह ं बढ़ाना चा हए
ऐसी सोच वाला मनु य ह अपना और दूसर का क याण और उ धार कर सकता
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रहो न भूल क कभी मदांघ तु छ व म ,
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सनाथ जान आपको करो न गव च म ।
अनाथ कौन ह यहाँ ? लोकनाथ साथ ह ,
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दयालु द न ब धु क बड़े वशाल हाथ ह ।
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अतीव भा यह न ह अधीर भाव जो कर,
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वह मनु य ह क जो मनु य क लए मर।।
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