Page 3 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 2
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मदांघ - घम ड
तु छ - बेकार
सनाथ - िजसक पास अपन का साथ हो
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अनाथ - िजसका कोई न हो
च - मन म
लोकनाथ - ई वर
द नबंधु - ई वर
अधीर – उतावलापन
या या -: क व कहता ह क भूल कर भी कभी संप या यश पर घमंड नह ं
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करना चा हए। इस बात पर कभी गव नह ं करना चा हए क हमार साथ हमार
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अपन का साथ ह य क क व कहता ह क यहाँ कौन सा यि त अनाथ ह ,उस
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ई वर का साथ सब क साथ ह। वह बहत दयावान ह उसका हाथ सबक ऊपर रहता
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ह। क व कहता ह क वह यि त भा यह न ह जो इस कार का उतावलापन
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