Page 1 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 2
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SAI  International  School

                                                      SLRC


                                          Class -X – Hindi - B

                                            Lesson Notes -  Manushyata -2























                                                क व - मै थल शरण गु त


                                                ज म – 1886 (  चरगाँव )

                                                    मृ यु – 1964







                                                    पाठ सार


                                                                                          ै
                                                        ै
               पांचव  भाग म  क व कहना चाहता ह  क यहाँ  कोई अनाथ नह ं ह  य  क हम
               सब उस एक ई वर क  संतान ह । हम  भदभाव से ऊपर उठ कर सोचना चा हए।
                                                             े
               छठ भाग म  क व कहना चाहता ह  क हम  दयालु बनना चा हए  य  क दयालु
                                                      ै
                   े
                                                े
               और परोपकार  मनु य  का दवता भी  वागत करते ह  । अतः हम  दूसर  का
               परोपकार व क याण करना चा हए।सातव  भाग म  क व कहता ह  क मनु य  क
                                                                                        ै
                                                                                                        े
                                                                           ै
               बाहर  कम  अलग अलग हो पर तु हमार वेद सा ी ह क  सभी क  आ मा एक ह
                                                                                                           ै
                                                            े
               हम सब एक ह  ई वर क  सतान ह अतः सभी मनु य भाई -बंधु ह  और मनु य
                                                ं
                                                       ै
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