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SAI INTERNATIONAL SCHOOL

                                                          SHS

                                                    GRADE – VI
                                                 ND
                                               2  LANG. (HINDI)
               पाठ - हार की जीत-1

               कवि& सुदर्शन
               Lesson Notes
               Learning objective &

                                                        े
                              ं
                   1-  जीव- जतुओं क प्रतत स्नेह और सवा का भाव
                                     े
                   2-  भगवान क प्रतत श्रद्धा
                                े
                   3-  दीन दुखियों की सवा और सहयोग
                                        े
                   4-  छल–कपट न करने का ज्ञान
                   5-  ववश्वास का भाव
               पाठ का सार:

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                                                                         ै
                                                                                                    ें
                                                                            े
               प्रस्तुत पाठ  ‘हार की जीत’ लिक सुदरसन द्वारा रचित ह |लिक ने प्रस्तुत कहानी म
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               बताने का प्रयास ककया ह कक सच्िी मानवता की भावना ,पववत्र वविार ,त्याग और ववस्वास
                                     े
                                                     े
                                                                                        ै
                                                                                                    ें
               की शक्तत स कठोर स कठोर हहरदय क मनुष्य को भी बदला जा सकता ह | कहानी म बाबा
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                                                े
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                                                            े
                                                                       े
                                                                                  े
               भारती, जो अपने घोड़ सुल्तान स अत्यचधक प्रम करते थ, उस इलाक क डाक ू  िड्ग ससंह क
                                                                                                        े
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               धोिे का सशकार हो जाते ह | िड्ग ससंह अपाहहज का ऱूप धारण करक ,बाबा से उनका घोड़ा
                                                                                    े
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                                                                                     ै
               छीन लता ह ,तब बाबा भारती िड्ग ससंह से कवल एक प्राथथना करते ह कक इस धटना को
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                           ै
                                                                            े
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               ककसी से न कह, ताकक लोगों का गरीबों पर से ववस्वास न उठ | यह बात िड्ग ससंह क
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               हदल को छ ू  जाती ह बाबा भारती क इस अद्ववतीय त्याग और मानवता की भावना स
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               प्रभाववत होहर िडक ससंह घोड़ को वापस लौटा दता ह |
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               पाठािंर्-
               मााँ को अपने बेट और ककसान को ------------------  उन्ह चैन न आता।
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