Page 4 - Microsoft Word - CH-2 SIKTASETU NOTES
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श दाथ – उप णि स – रोकत हो , िस म् – सफल , वसंक पदृढ़तया – अपने संक प
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क दृढ़ता से , िसकतािभ: - बालुका से , था यि त – ठहरगी , भवता – आपक ारा
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, सो ासम् – मज़ाक उड़ाते ए , सोपानमाग – पर परागत तरीक से , अ म् – अटारी
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से / ासाद से , अिधरोढम् – चढन क िलए , िव िसिम – िव ास करता ँ ,
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समु पु य – छलाँग मारकर , ग तुम् – जान क िलए , स यम् – य सिहत ,
आ नेयम् – अ िन पु हनुमान को , अित मिस – तुम् अित म कर रहे हो ,
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सिवमश म् – सोच िवचार कर , क – इसक अित र |
सरलाथ : -
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पु ष – हे तप वी मुझे य रोकत ह ? य से या िस नह हो सकता है ?
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प थर क या आव यकता ? बालुका से ही अपने संक प क दृढ़ता से पुल क गा
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(बनाऊगा) |
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तपोद : - आ य है ! रत से ही पुल बनाओगे ? बालुका या जल क वाह म
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ठहरगी ? आप न सोचा या नेह ?
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पु ष – (उ साह पूव क) सोचा , सोचा ! भली कार सोचा | मेँ सीढ़ी क माग से
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अ ािलका पर चढ़न म िव ास नह करता ँ उछल कर ही जाने क िलए समथ ँ |
तपोद : - ( ंगपूव क ) उिचत, उिचत ! साबाश , साबाश ! तुम तो अ िन पु
हनुमान को अित म कर रहे हो |
पु ष – (सोच िवचार कर)
और या ? इसम या स देह है |
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अ वय – य द िलिप अ र ान िवना कवलम् तपोिभ: एव िव ा त वश यु: तथा मम
एष सेतु: |
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श दाथ – तपोिभ: - तप यासे , वशे – वश म , यु – हो , ते – त हारा , सेतु –
पुल, तथा – वैसे , मम – मेरा |

