Page 1 - Microsoft Word - CH-2 SIKTASETU NOTES
P. 1

SAI INTERNATIONAL SCHOOL
                                                      ND
                                      CLASS – IX    LANGUAGE SANSKRIT
                                                    2
                                               पाठ  -9   िस ासेतु:

                                                           –
           NOTES
           1-
















                                                                           े
           श दाथ  – तप यारत: - त  य म  लीन , िस ासेतु – रत का पुल ,                                   - िपताजी
                                           ु
            ारा ,  ले यमान: -  ाकल  कए जाने पर , गा हत: - अपमािनत , अिधतवान् –
           पढ़ा ,
            ाितजनै – ब धु- बा धव   ारा , िन:  य – ल बी सांस लेकर  |


           सरलाथ : - ( फर तप या म  लीन तपोद   वेश करता है )|
                                                                                               े
                                                                               े
           तपोद  – म  तपोद   ँ | बचपन म  िपता  ारा संत  होन पर  भी म न िव ा
                                                                                                        े
                                                          े
           अ ययन नह   कया | इसीिलए प रवार क सव सद य  , िम   और स बि धय  क  ारा
                         ्
           मेरा अपमान  कया गया |
                     े
           (ऊपर क और सांस छोड़कर )
                                                     े
                                                                                                          ै
                          े
           है  भो! मैन यह  या  कया ? /मेर  रा यह  या  कया गया ? उस समय मेरा कसा
                                         े
           दु  बुि  हो गई थी! मैन यह भी नह  सोचा  क .......

           2-





                                            ै
                                                         ै
           अ वय: - य द नर: प रधान: अल कार: भूिषत: अिप िनम िणभोगी इव सभायां गृहे वा
                     े
           न शोभत |
                                                                                          े
                                                            ै
                               ै
           श दाथ  – प रधान: - व   से , अल कार: - आभूषण  से , शोभत – शोभा –
           शोिभत होता है ,वा – अथवा ,इव – समान, िनम िण – मिण रिहत/िवहीन , भोगी –
           साँप,     सभायां - सभाम  |
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