Page 3 - Microsoft Word - CH-2 SIKTASETU NOTES
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श दाथ  – जगित – संसार म  , िस ािभ: - बालू से ,बब ध – बाँधा था ,  सा हासं –
           ज़ोर से हँसकर , पा  म् – पास , उपे य – समीप जाकर , िविधयते –  कया जाता है
                                                                                                           े
           , अलं –  थ  , िशलािभ: - प थरॉन से , मकरालये – समु  म , िवदधत् – करत  ए
           , अितरामताम् – राम का अित मण / राम से आगे जाना ,  ािचत् – कोई , यु यते –

           सकता है |


           सरलाथ : - हाय ! संसार म  मूरख  का अभाव नह  है | ती   वाह वाली नदी म  यह
                                                े

           मूख  बालुका से पुल िनमाण करन का  य  करता है |
           (ज़ोर से हँसकर  और पाश जाकर )

           हे महाशय! यह  या कर रहे ह  | वास वास मेहनत मत करो ? देखो –

                               े
            ोकाथ  – राम न समु  म  िजस पुल को प थर  से बनाया , तुम उसको बालू से बनाकर
           राम को अित म करना चाहते हो |
           तो सोचो | बालुका से कह  सेतु बन सकता है ?
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