Page 6 - L.N-Jhanshi ki Rani-2
P. 6

रानी वीरगलत क  प्राप्त ह  गई A अब वह लचता पर सवार थी A उसका अलौलकक व्फ्टित्व
                                                                                                         े
                                                                                                      ु
                           ें
                                                 े
                                                               े
               लचता क  भट ह  गया A उसका तज गलत क  तज लमल गया A उस समय उसकी आय कवल
                      म
                                                                                    म
               23 वष की थी A वह एक आम मलहला ना ह कर एक अवतारी अथात महान व्फ्टित्व वाली
                                                                              ं
                                                    े
                              े
               स्त्ी थी A उसन सब क  इस बात स अवगत करवाया की स्वतत्रता प्राप्त करनी बहुत
                                                 ें
                                                                                                  े
                           ै
                                                                                              ं
                                                                                          े
                                                                                         ु
                                                                                         ं
               आवषॎयक ह A इस प्रकार वह हम एक नई राह लदखा कर चली गई A बदलखड क ल क
                                                                         े
                                                                                           ु
                                                                                                ू
                                                                                                      ें
                                                                                                          ु
                                                                                      ं
                                        ै
                                                ं
               गायक ं का यह मानना ह लक झासी की रानी लक्ष्ीबाई न मदों की भालत यद्ध भलम म शत्रओं
                                          े
                    ु
                 े
               स मकाबला लकया उन्ीं न इस कथा क  कहा  A
               Tkkvks jkuh ;kn j[ksaxsa -------------------------------------->kalhokyh jkuh Fkh
                                               े
                                                                                               ैं
                                                                                 े
                                                                         ें
                                                                   ु
                                                                                                        े
               कलवत्री रानी लक्ष्ीबाई क  अपन शब् ं ऱूपी श्रद्धासमन भट करत हुए कहती ह लक A ह
                                                                            ृ
                                                                                                    ें
                                                                    ु
                                                                                     े
                                                                                                  ु
                                                                                   ें
                      ु
               रानी तम त  चली गई ह  पर हम भारतवासी सदा तम्हारी कतज्ञ रहग और सदा तम्ह याद
                                                ं
                                                                                     ै
                         ु
                                                                         ृ
                    े
                                             े
                                                                                                       ं
                  ें
               करग A तम्हारा बललदान हमार अदर त्याग की भावना जागत करता ह A हम अपनी स्वतत्रता
                                                                                  ं
                                ें
                                                      ु
                                      े
                                 े
               अवषॎय प्राप्त करग भल ही इलतहास चप ह  जाए A सच्चाई क  फासी लग जाए हम अवषॎय
                                                                                     ु
                                          ें
                                                                                                           ें
                                                        ु
                                                                                       े
                                  े
                                                                                े
                                                                                                  े
                          े
                                                                                                      ु
                                                                                                     े
               लवजई ह ंग  A भल ही हम अपना सब कछ न्यौछावर करना पड़ A तझ याद करन हत हम
                                                                                              म
                                                     ै
                                                                                                     ें
                                                                                                   ु
                                                                े
                                                                        ें
                                                                                       ै
                                                          ू
               लकसी िारक की आवषॎयकता नहीं ह A त अपन आप म ही िारक ह A अथात तम्ह कभी
                                                                                                       ं
                                           ं
                                            े
                 ु
                                           ु
                                                                                     ु
                                                    े
                                                ं
               भलाया नहीं जा सकता A बदलखड क ल क गायक ं द्वारा यह कथा सनाई गई थी A झासी
                                    े
                                         े
                                                           ु
                                        ं
               की रानी लक्ष्ीबाई न अग्रज ं का डटकर मकाबला लकया A
   1   2   3   4   5   6