Page 3 - L.N-Jhanshi ki Rani-2
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               उनकी   अदभत  प्रलतभा क चच उस समय कई राज् ं म थ । वहीं  झासी क  महाराज
               गगा धर राव न वलकर क साथ  लववाह  क बाद व रानी लक्ष्ीबाई कहलाईं और महाराज
                                                                  े
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               की मौत क बाद उन् ंन एक कशल शासक की तरह झासी का राज-पाठ सभाला और
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               अपन राज् क  बचान क ललए व अपन जीवन क आफ्टखरी क्षण तक दश्मन ं स लड़ती रहीं ।
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               वहीं उनकी वीरता क लकस्स आज भी मशऺूर ह ।
               लहन्दी सालहत्य की मशऺूर कलवलयत्रÈ न  अपनी झासी की रानी  कलवता क माध्यम स              े
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               वीरागना  रानी लक्ष्ीबाई क अदभत साहस  और पराऻृम की वीरगाथा बतान की क लशश
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               उन् ंन लजसतरह स  झासी की रानी क साहस शफ्टि  और पराऻृम क इ सकलवता क
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