Page 3 - CH- BRUKHYA SATPURUSAH EBA (LIT) LN
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शब्दार्ाा:-
परोपकाराय – परोपकार क ललए।
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िद्याः – िददयाँ।
फलन्न्ि – फल दिे ह।
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गार्: – गाय |
र्हन्न्ि – बहिी ह।
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दुहन्न्ि – दूध दिी ह।
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सरलार्ा:- परोपकार क ललए र्ृक् फल दि ह, िददयाँ परोपकार क ललए बहिी ह। गाय परोपकार क
ललए दूध दिी ह, यह शर र परोपकार क ललए (ह ) ह।
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SLOK-5
पुष्प – पत्र- फलच्छाया – मूल – र्ल्कल- दारुलभाः ।
धन्या मह रुहा यषा पर्मुखा यान्न्ि िार्र्विाः ॥
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अन्वयः- यषा पुष्प-पत्र- फल- छाया-मूल-र्ल्कल- दारुलभ: अर्र्विाः पर्मुखााः ि यान्न्ि (िे)
मह रुहााः धन्यााः (सन्न्ि) ।
शब्दार्ाा:-
पुष्प – फ ू ल। पत्र – पत्त ।
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मूल – जड़ ।
र्ल्कल – पेड़ की छाल।
दारुलभाः – लकडड़यों से ।
मह रुहााः – पेड़ |
पर्मुखााः- तिराश |
ि यान्न्ि – िह ां जािे।
अर्र्वि:- याचक।
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सरलार्ा:- न्जिक फ ू ल, पत्त, फल, छाया, जड़, छाल र् लकडड़यों स याचक तिराश िह जाि। (र्) र्ृक्
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धन्य ह।
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