Page 5 - CH- SAH EBA MAHAN CHITRA KARAH (LIT) LN
P. 5

Meaning of the paragraph-

               र्शक्षक – हााँ । ठीक ह। सभी अपने और अन्यों क वस्त्रों क रग दखो।
                                                                      ं
                                                                   े
                                                                          े
                                   ै
                                                           े
               मञ्जुल – आिायि ! इन्द्रिनुष तो ननश्िय ही अनक रगों स युक्त होता ह। वहा सात रग होत ह।
                                                           े
                                                                   े
                                                               ं
                                                                                     ाँ
                                                                                            ं
                                                                                                  े
                                                                                                    ैं
                                                                                ै
                                                                                           े
                                                              ै
                                                                         ं
                                                                              ं
                                                                                   ै
                                                                                      ं
                                                                      े
                                                 ं
                                             े
                          ाँ
               र्शक्षक – हा! सारी प्रक ृ नत भी अनक रगों स युक्त ह। उसी स ससार सुदर ह। रगों स ही हमारा
                                                      े
               जीवन भी सुदर होता ह। वहा रगों को र्मलान वाला चित्रकार कौन ह क्या जानत हो क्या ?
                                                                            ै
                                                                                       े
                           ं
                                                        े
                                           ं
                                         ाँ
                                    ै
               सभी – (जोर से ) ईश्वर, ईश्वर ।
               र्शक्षक – हा। वह ही महान् चित्रकार ह ।
                          ाँ
                                                 ै

                                                                                     000
   1   2   3   4   5