Page 4 - CH- SAH EBA MAHAN CHITRA KARAH (LIT) LN
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अवप – भी।
पश्यन्तु – दखो।
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Meaning of the paragraph-
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र्शक्षक – वैसे तोतों को हम प्राय: (अक्सर) चिडड़याघर म दखते ह। उनक पंख नीले, पीले और लाल
होते ह।
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मञ्जुल – आिायि ! गुलाब क फ ू ल भी अनक रगों स युक्त होत ह। मर उद्यान (बाग) म पील रग,
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सफद रग, जामुनी रग और कसररया रग वाल गुलाब क फ ू ल ह।
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र्शक्षक – बहत अच्छा ! दखो, हस भी सफद (होता ह) । तथा अन्य कौन सफद रग वाले ह?
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मेिाः – आिायि ! बगुला और खरगोश भी (सफद होत ह) । तथा आपका कोट भी सफद ह।
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Paragraph-5
Word meaning
सम्यक् – उचित ।
अन्यषां – अन्यों क।
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स्वस्य- अपने ।
वस्त्रािां – वस्त्रों क ।
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अवलोकयन्तु – दखो।
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इन्द्रिनुः – इन्द्रिनुष ।
खलु – ननश्िय ही ।
बहवििमयः – बहत रगों स युक्त ।
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सप्त – सात ।
ननसगिः – प्रक ृ नतः ।
विै: – रगों से ।
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एव – ही।
अस्माकम् – हमार ।
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मनोरमम् – सुन्दर् ।
विियोजक: – रगों को र्मलाने वाला।
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जानस्न्त – जानते हो ।
ककम् – क्या।
उच्िैः -जोर से।
आम् – हााँ।
परमेश्वर: – ईश्वर |
तत्र – वहााँ ।
कः – कौन ।
तेन – उससे ।