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सारी यात्राओं क और प्रनतददन की उनकी गनतनवनधयों क साप्तानहक नववरण भेजा करते। इसक
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अलावा महादेव, देश-नवदेश क मुसय समािार-पत्र , जो आुँखों में तेल डालकर गांधीजी की
प्रनतददन की गनतनवनधयों पर नजर बनाए रखते थे और उन पर बराबर टीका-रटप्पणी करते
रहते थे, महादेव उनको आडेऺ हाथों लेने वाले लेख भी समय-समय पर नलखा करते थे। लेखक
कहता है दक भरपूर िौकसाई, ऊिे-से-ऊिे निरटश समािार-पत्रों की परपराओं को अपनाकर
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िलने का गांधीजी का आग्रह और कट्टर से कट्टर नवरोनधयों क साथ भी पूरी-पूरी सत्यननष्ठा में से
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उत्पन्न होने वाली नवनय-नववेक-युि नववाद करने की गांधीजी की नशक्षा इन सब गुणों ने तीव्र
मतभेदों और नवरोधी प्रिार क बीि भी देश-नवदेश क सार समािार-पत्रों की दुननया में और
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एंग्लो-इनडयन समािार-पत्रों क बीि भी व्यनिगत ऱूप से महादेव को सबका लाडला बना
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ददया था। क्योंदक महादेव ने सभी कामों को बड़े सही ढग से सम्भाल रखा था