Page 1 - L .N-SHUKRA TRE KE SAMAN-1
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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
CLASS- IX- SLRC
nd
2 LANGUAGE- HINDI
LESSON NOTE-1
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शीषषक- शुक्रतार क समान (स्वामी आनंद)
प्रस्तुत पाठ ‘शुक्रतार क समान’ में लेखक ने गांधीजी क ननजी सनिव महादेव भाई देसाई की
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बेजोड़ प्रनतभा और व्यस्ततम ददनियाष को उकरा है। लेखक अपने इस रखानित्र क नायक क
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व्यनित्व और उसकी ऊजाष, उनकी लगन और प्रनतभा से अनभभूत है। लेखक क अनुसार कोई भी
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महान व्यनि, महानतम कायष तभी कर पाता है, जब उसक साथ ऐसे सहयोगी हों जो उसकी
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तमाम चिताओं और उलझनों को अपने नसर ले लें। गांधीजी क नलए महादेव भाई और भाई
प्यारलाल जी ऐसी ही शनससयत थे।
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आकाश क तारों में शुक्र………………………………. लाडला बना ददया था।
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लेखक कहता है दक आकाश क तारों में शुक्र का कोई जोड़ नहीं है कहने का तात्पयष यह है दक
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शुक्र तारा सबसे अनोखा है। शुक्र तार को िन्द्रमा का साथी माना गया है। िन्द्रमा की िमक का
वणषन करने में संसार क कनव थकते नहीं, वे तरह-तरह से उसकी िमक का वणषन करते रहे हैं।
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लेखक महादेव जी की तुलना शुक्र तार क साथ करते हुए कहते हैं दक वे भी शुक्र तार की तरह