Page 6 - LN-KICHAD KA KAVYA-1
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                                                                                                             े
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                        ें
           और बाद म अशमान क पत्र र्दलीप न भी । भगीरथ राजा र्दलीप की द ू सरी पत्नी क पत्र थ।
                  े
                                                                         ों
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                                                                      े
           उन्ह ोंन अपन पवज ों का अर्तम सस्कार र्कया। उन्ह ोंन गगा क  पथ्वी पर लान का प्रण र्कया
                             ि
                                                                                                े
                                                             ों
                                                                       ें
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                                    ों
           र्जसस उनक अर्तम सस्कार कर, राख क  गगाजल म प्रवार्हत र्कया जा सक और भिकती
                             ों
                                     ें
           आत्माए स्वग म जा सक। भगीरथ न ब्रह्मा की घ र तपस्ा की तार्क गगा क  पथ्वी पर लाया
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           जा सक। ब्रह्मा प्रसन्न हुए और गगा क  पथ्वी पर भजन क र्लए तयार हुए और गगा क  पथ्वी
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                                           ें
           पर और उसक बाद पाताल म जान का आदश र्दया तार्क सगर क पत्र ों की आत्माओों की
                                                                                       ु
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           मखक्त laaHko ह  सक। तब गगा न कहा र्क म इतनी ऊचाई स जब पथ्वी पर अवतररत
                                           ों
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                                              े
           ह ऊगी त  पथ्वी इतना वग कस सह पाएगी ? तत्पश्चात भगीरथ न भगवान र्शव स र्नवदन
                         ृ
               ाँ
           र्कया और उन्ह ोंन अपनी खली जिाओों म गगा क वग क  र ककर, एक लि ख ल दी,
                               े
                                                                े
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           र्जसस गगा की अर्वरल धारा पथ्वी पर प्रवार्हत हुई । वह धारा भगीरथ क पीछ-पीछ गगा-
                    ों
                                                   ु
           सागर सगम तक गयीों, जहा सगर-पत्र ों का उद्धार हुआ । र्शव क स्पश स गगा और भी
                                                                                            े
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           पावन ह  गयीों और पथ्वीवार्सय ों क र्लए श्रद्धा का कन्द् बन गयीों । पराण ों क अनसार स्वग
                                                                                                              ि
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                                                                        ैं
           म गगा क  मन्दार्कनी और पाताल म भागीरथी कहत ह। इसी प्रकार एक प रार्णक कथा
                                                                     े
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                                                                    ु
           राजा शान्तन और गगा क र्ववाह तथा उनक सात पत्र ों क जन्म की ह ।
                  ि
           धार्मक महत्त् &
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           भारत की अनक धार्मक अवधारणाओों में गगा नदी क  दवी क े ऱूप में ekuk गया है । बहुत से
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                             ों
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                                                                         ें
           पर्वत्र तीथस्थल गगा नदी क े र्कनार पर बस हुए हैं, र्जनम वाराणसी, हररद्वार और प्रयागराज
                े
                                                                        े
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                               ों
           सबस प्रमख हैं । गगा नदी क  भारत की नर्दय ों में सबस पर्वत्र माना जाता है A
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           नमार्म गग     े
                                                                             े
                                                                                               ों
                इस नदी की सफाई क र्लए कई बार पहल की गयी लर्कन क ई भी सत षजनक
                                          े
                                                                                                              े
                                                                                            े
                                        ाँ
                                                                          े
                                                                            े
                                                                    े
                  खस्थर्त तक नहीों पहुच पाया । प्रधानमन्त्ी चन जान क बाद भारत क प्रधानमन्त्ी नरन्द्
                                                                  ु
                  म दी न गगा नदी म प्रद ू षण पर र्नयन्त्ण करन और इसकी सफाई का अर्भयान
                          े
                                                                      े
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                                                                  ें
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                                                                           े
                                                                                            ें
                  चलाया । इसक बाद उन्ह ोंन जलाई २०१४ म भारत क आम बजि म नमार्म गगा
                                                                                                       ों

                  नामक एक पररय जना आरम्भ की।
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