Page 3 - LN
P. 3

a
                  dfBukb;ks ls la?k"kZ djusokys O;fDr dk izrhd cu x;k gS A


                  izokl & ijns'k okl


                  bFkkdk & ;wuku dk ,d LFkku


                  ;wØSu & ,d ns'k



                                                                                    s
                  O;atuk & 'kCn dh og o`fRr ;k 'kfDr ftlls mld lkekU; vFkZ dks

                  NksM+dj fdlh fo'ks"k vFkZ dk cksèk gksrk gS A



                  vlw;k & bZ";kZ


                                                                          a
                                                                                                   a
                  Nk;koknh n'kZu & izÑfr vkSj l`f"V ds jgL;ks dks vfr xw<+ Hkkoks ls

                  O;aftr djuk




                                                                                           a
                                                                                           s
                       O;k[;k& xzke Hkk”kk,¡&&&&&&&&&&&&&&&&&&&yxkuk lh[kxs A

                           आस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर यह व्यंग्य ककया है कक नगर में बसने


                             वाले लोग आस बात से डरते हैं  कक धूल ईन्हें गंदा न कर दे । वे सोचते हैं कक धूल



                                                                                           े
                             क संसगग से ईनकी चमक-दमक फीकी पड़ जाएगी। मैले होने क डर से वे ऄपने
                              े

                             शििुओं को भी धूल से दूर रखते हैं  ।


                                                                                                    ।
                           ग्रामीण पररवेि में प्रकशत धूल क द्वारा ऄनेक सुंदर शचत्र प्रस्तुत करती है जब
                                                             े
                                                   ृ

                             ऄमराआयों क पीछ शछपे सूयग की ककरणें धूल पर पड़ती हैं तो ऐसा लगता है कक
                                          े
                                               े

                                                                                                          े
                             मानो अकाि में सोने की परत छा गइ हो  । सूयागस्त क बाद लीक पर गाड़ी क
                                                                                   े
   1   2   3   4   5   6