Page 4 - Microsoft Word - TOPIC- 4 PARYABARAN - NOTES
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paragaph  -4  धम   र ित  रि त:  इ याष वचनम्  |  पया वरणर णमिप,  धम सैवा गिमित  ऋषय:
                                              ू
              ितपा दतव त: | तत एव वापीकपतडागा द िनमा णं देवायतनिव ामगृह आ द  थापन च धम िस े:
                                             ु
                                   ृ
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              ौतो पेण  अ गी  कतम्  |  क करसुकरसप नकला द   थलचरा:  ,  म  यक छपमकर   भृतयो:
                                                                                           ृ
             जलचरा ािप  र िणया:  ,  यत ते   तलमलापनो दनो  जलमलापहा रण    कित  र यैव  स भवित
             लोकर ेित न संशय: |


                                                                      े
             अथ  – र ा  कया गया धम  र ा करता है “ | - ये ऋिषय  क वचन है | पयावरण  क र ा करना भी
                                                                                         ु
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             धम  का िह अ ग है | ऐसा ऋिषय  न  ितपा दत  कया है | इिसिलए बावडी, कएं,तालाब आ द
                                                                                                        ु
                                                                    े
                                                                              े
                                                                                              े
             बनबाना, मि दर , िव ामगृह आ द  थापना  धम िसि  क साधन  क  प म  िह मान गए है  | क े ,
                                                               ु
             सुअर , सांप, नेवले आ द  थलचर  तथा मछली, कछए, मगरम छ आ द जलचर  क  भी र ा करनी
                                                                                ृ
                                                                    े
             चिहए  कयुं क  ु वी तथा जल  क मिलनता को दुर करन वाले है |  कित क  र ा से ही संसार क  र
             हो सकती है – इसम  संदेह नह  है |

                                                                                                े
             श दाथ ः रि त: - र ा  कया गया , र ित -  र ा करता है , आष वचनम् - ऋिषय  क वचन ,
                                                                     ू
                                                                          ु
              ितपा दतव त: -  ितपा दत  कया है , वापी - बावडी, कप - कएं, तडाग –
             तालाब, देवायतन: - मि दर , िव ामगृह आ द  तापनम् - िव ामगृह आ द वनवाना  ,

                                                                                                         ु
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             धम िस े: - धम िसि  क िलए , अ गी कतम् - मान गए है  , क कर – क ा , सुकर - सुअर , नकल –
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                                                                                         ु
             नेवला ,  थलचरा: -  ु वी पर रहन वाले जीव , म  य - मछली, क छप – कछआ , मकर – मगरम छ
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             , जलचरा: -पािन म  रहन वाला जीव , यतते – यत+ त,  तलमलापनो दनो -  ु वी क  गंदगी को दुर
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             करन वाले , लोकर ा –संसार क  र ा , स भवित –संभव है , शंसय: - संदेह |


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