Page 2 - Microsoft Word - TOPIC- 4 PARYABARAN - NOTES
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              भवित – समथ  है , जल लावनै: - बाढ  से , अि भयै – अि  भय से , भूकपै: - भूचाल  से, वा याच :
                                                                        े
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             - आंधी (बवंडर) से , उ कापाता दिभ: - उ का आ द क िगरन से, स त : - दुखी ,   – कहां , म गलम्
             – क याण  |

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             paragaph 2  अतएव  कितर मािभ: र णीया | तेन च पया वरणं रि तं भिव यित |  ाचीनकाले
             लोकम गलाशांिसन: ऋषयो वने िनवसि त  म | यतो िह वने एव सुरि तं पया वरणमुपल यते  म |

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             िविवधा िवहगा: कलकिजतै त   ौ रसायनं ददित |
                        स रतो  िग रिनझ रा   अमृत वादु  िनम लं  जलं   य छि त  |   ु ा  लता   फलािन  ,पु पािण
             इ धन का ािन च बा  येन समुपहरि त | शीतलम द सुग ध वनपवना औशधक पं  ाणवायुं िवतरि त

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             अथ  – इसिलए हम   कित  क र ा करनी चिहए, उससे , पयावरण अपने आप सुरि त हो जाएगा |
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              ाचीनकाल म  जनता का क याण चाहने वाले ऋिष बन म  िह रहत थे ,  य   क वन म  िह सुरि त

                                                                        ु
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             पयवरण  ा  होता था | अनेक  कार , क प ी अपने मधुर  कजन से वहां  कान  को अमृत  दान करते
             है |
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                   नदीया तथा पव तीय झरन अमृत क समान  वा द  और पिव  जल देत है | पेड तथा लताएं फल
                                                          े
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             ,फल तथा इ धन  क  लकडी ब त मा ा म  देत ह  | शीतल (ठडी),मंद तथा सुंगि धत वन  क वायु
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             औशध क समान  ाणवायु बांटत है |

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                                                                                                        े
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             श दाथ ः अतएव – इसिलए,  कितर मािभ: =  कित: + अ मािभ:, र णीया – र ा करन यो य ,
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              ाचीनकाले – पुरान समय म  , लोकम गलाशांिसन: - जनता का क याण चाहने वाले, ऋषय: - ऋिष
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             (सार), िनवसि त  म – रहत थे , यत: -  कय  क , उपल यते -  ा  होता है , िवहगा: - प ी ,
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             कलकिजतै: - मधुर कजन से ,  ौ रसायनं - कान  को अ छा लगनेवाला , ददित – देत है , स रत: -
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             नदीय  , िग रिनझ रा: - पव तीय झरन , अमृत वादु: - अमृत क समान  वा द  ,
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             िनम लं  –  पिव   ( व छ)  ,  इ धन  –  जलान   क,  का ािन  -  लकडीयां  ,  बा  येन  –  अिधकता  ,
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             समुपहरि त - देत ह  , औशधक पम् – दवाई क समान,
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             िवतरि त - बांटत है  |
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