Page 6 - LESSON NOTES - MANUSHYATA - 1
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िव भाव बु का दया- वाह म बहा,
िवनीत लोकवग या न सामने झुका रहा ?
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अहा ! वही उदार है परोपकार जो कर,
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वही मनु य है क जो मनु य क िलए मर।।
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महािवभूित - सब से बड़ी स पित
सहानुभूित - दया,क णा
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वशीकता - वश म आ जाती ह ै
मही - ई र
िव वाद - िखलाफ होना
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ा ा -: किव कहता ह िक मन ों क मन म दया व क णा का भाव होना चािहए ,यही सबस े
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बड़ा धन ह । किव हम यह भी बता रह ह िक धरती स अिधक ाग की रणा भला हम कौन द े
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सकता ह ? धरती तो मवश सदा द ू सरों की अधीनता ीकार करती ह व सवा करती ह । अपनी
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गोद म सबको शरण दती ह । इसका सबस बड़ा उदाहरण महा ा ब ह िजनस लोगों का दुःख
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नहीं दखा गया तो व लोक क ाण क िलए दुिनया क िनयमों क िव चल गए । यही कारण ह ै
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िक भगवान ब न जन-क ाण क िलए सामािजक िढ़वाद का िवरोध िकया और दया को ही
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मन का असली आभषण बताया । इसी वजह स लोग आज भी उ पजत ह।ब क दया वाह म
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िवरोधी वग भी िवनीत बन उनक सामन झुक गया। उनक दया भाव व परोपकार क कारण आज
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भी उनको याद िकया जाता ह और उनकी पजा की जाती ह । महान उसको कहा जाता ह जो
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परोपकार करता ह वही मन ,मन कहलाता ह जो मन ों क िलए जीता ह और मरता ह
का सौ य-
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1-उदारता, िवन ता क सामन सभी नतम क हो जात ह ।
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2-खड़ी बोली क साथ -साथ त म श ों का योग आ ह ।
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3-दया- वाह म पक अलकार ह ।
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4- -शली स सौंदय म व ई ह ।