Page 4 - Lesson Note
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सोनजुहीकीपीलीकलीमनमोहकहोतीहै।लेखखकाकोखिचारआयाककिहछोटाजीिलताकीसघनहरीखत
मामेंखछपकरबैठजाताथा।उसकानामखगल्लूथा।लेखखकाकखनकटपहुँचनेहीउनककधेपरकदकरउन्हेंचौंका
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देताथा।तबलेखखकाकोकलीकीखोजरहतीथी, परआजउसलघुप्राणकीखोजथी।
कौआबड़ाखिखचत्रप्राणीहै।इसकाकभीआदरककयाजाताहैतोकभीअनादर।श्राद्धमेंलोगकौएकोआदरसेबु
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लातेहैं।ऐसामानाजाताहैककखपतृपक्षमेंहमारपुरखेहमसेकछपानेकखलएकौएबनकरहीआतेहैं।इसकाअना
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दरइसखलएककयाजाताहै, क्योंकककाुँि-
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काुँिकरकहमाराखसरखाजातेहैं।इसकीककशिाणीककसीकोनहींभाती।
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लेखखकाखगलहरीकघायलबच्चेकोउठाकरअपनेकमरमेंलेगई।रुईसेउसकाखूनपोंछकरउसकघािोंपरमरह
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मलगाया।उसकीभूखखमटानेकखलएरुईकीबत्तीदूधमेंखभगोकरउसकमुुँहपरलगाईगई।कईघंटकउपचारक े
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बादिहउसकमुुँहमेंपानीटपकानेमेंसफलहई।तीनकदनमेंिहस्िस्थहोगया।
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लेखखकाकाध्यानआकर्षितकरनेकखलएखगल्लूउनकपैरोंतकआकरसरसेपरदेपरचढ़जाताऔरकफरउसीते
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जीसेउतरता।उसकायहदौड़नेकाक्रमतबतकचलताजबतकलेखखकाउसेपकड़नेकखलएनदौड़ती।
खगल्लूकोमुक्तकरनेकीआिश्यकताइसखलएपड़ीक्योंककिहउसकापहलाबसंतथा।बाहरकीखगलहररयाुँखख
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ड़कीकीजालीकपासआकरखचक-खचककरककछ-
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कछकहनेलगीं।उससमयखगल्लूजालीकपासआकरबैठजाताथाऔरउन्हेंखनहारतारहताथा।तबलेखखका
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कोलगाकअबखगल्लूकोमुक्तकरदेनाचाखहए।िहअपनेसाखथयोंसेखमलनाचाहताथा।लेखखकानेउसेमुक्तकर
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नेकखलएजालीकाकोनाखोलकदयाताककइसमागकसेखगल्लूआ-जासक।