Page 5 - RAHIM KE DOHE-LN-2
P. 5
ै
10& रनहमन ननज ---------------------------------------- रनव सक बचाय।।
a
izlax& foifRr es viuh i¡wth gh lgk;d gksrh gS A
HkkokFkZ&
े
ु
ु
ं
े
प्रस्तत िक्तियों में कनव हमस कह रह हैं नक जब मक्तिल समय आता है] तो
ु
ा
ें
ु
ै
हमारी खद की laifRRk ही हमारी सहायता करती ह। अथात हम खद की
ु
ें
सहायता खद ही करनी होती है] द ू सरा कोई हम उस नविनि से नहीं ननकाल
ू
ै
े
ू
ा
सकता। नजस प्रकार िानी क े नबना कमल क े िल को सय क े जसा तजस्वी भी
ु
ु
ं
ै
नहीं बचा िाता और वह मरझा जाता ह। उसी प्रकार नबना सिनि क े मनष्य का
ा
ं
जीवन-ननवाह हो िाना असभव है vr% euq”;r dks nwljks dk eq¡g u rkddj
a
;k nwljks d vkxs gkFk u QSykdj viuh laifRr ij gh fuHkZj jguk
a
s
pkfg, A ladV ds fy, FkksM+k& FkkM+k /ku lap; djrs jguk gj x`gLFk dk
s
drZO; gS A
ु
ू
11& रनहमन िानी ------------------------------- मोती] मानष] चन।।
izlax& ikuh] ped vkSj lEeku & bu rhuks dk thou es egRo gS A
a
a
HkkokFkZ&
े
े
ा
रहीम जी ने अिन दोहों में जीवन क े नलए जल क े महत्व का वणन नकया है । उनक
े
े
ू
ु
अनसार हमशा िानी को बचाकर रखना चानहए । यह बहुमल्य होता है । इसक नबना