Page 4 - RAHIM KE DOHE-LN-2
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               भी हम उस मथ कर माखन नहीं बना सकत, ठीक उसी प्रकार अगर एक बार

                                                                                                         ैं
                                                                                                      े
                                                       े
                                                              े
               कोई बात नबगड़ जाए] तो हम उस िहल tSlk ठीक कभी नहीं कर सकत ह।
                                                                े
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                                                                             े
                                       े
               इसनलए बात नबगड़न से िहल ही हम उस l¡Hkky लना चानहए।


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                                                                                     े
               9& रनहमन दक्तख ---------------------------------------- कर तरवारर।।



               izlax&cM+ks d izHkko d lkeus lk/kkj.k yksxks dh mis{kk ugha djuh pkfg, A
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                                                                                     े
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                                                                                ें
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               रहीम जी ने हम इस दोह में जो ज्ञान नदया है] उस हम हमशा याद रखना
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                                                                                                     ु
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               चानहए। ये िरी नजदगी हमार काम आएगा। रहीम जी क े अनसार हर वस्त या
                                                                                                 ें
                                                                 े
               व्यक्ति का अिना महत्व होता है] निर चाह वह छोटा हो या बड़ा। हम कभी भी
                                                                                          े
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               नकसी बड़ व्यक्ति या वस्त क े नलए छोटी वस्त या व्यक्ति की उिक्षा नहीं करनी
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               चानहए। कनव कहत हैं नक जहा सई का काम होता है] ogk¡  िर तलवार कोई
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                                                                              े
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               काम नहीं कर िाती] अथात तलवार क े आकार में बड़ होन िर भी वह काम की
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                                                                        ृ
                                                                   े
               सानबत नहीं होती] जबनक सई आकार में अिक्षाकत बहुत छोटी होकर भी
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                                                                          ं
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               कारगर सानबत होती ह। इसीनलए हम कभी धन-सिनि] ऊच-नीच व आकार क े
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               आधार िर नकसी चीज़ की उिक्षा नहीं करनी चानहए।
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