Page 5 - ln
P. 5

ें
                            ु
               सहायता खद ही करनी होती है]  द ू सरा कोई हम उस नविनि से नहीं ननकाल

                                                                      ू
                                                                                   ा
                                                                                          ै
                                                                                                े
                                                                                 ू
               सकता। नजस प्रकार िानी क े नबना कमल क े िल को सय क े जसा तजस्वी भी
                                                                                      ं
                                                                                                    ु
                                              ु
                                                             ै
               नहीं बचा िाता और वह मरझा जाता ह। उसी प्रकार नबना सिनि क े मनष्य का
                            ा
                                              ं
               जीवन-ननवाह हो िाना असभव है vr% euq”;r dks nwljksa dk eq¡g u rkddj
                     w
               ;k nljksa ds vkxs gkFk u QSykdj viuh laifRr ij gh fuHkZj jguk pkfg,

               AladV ds fy, FkksM+k& FkksM+k /ku lap; djrs jguk gj x`gLFk dk drZO; gS A







                                                                                       ु
                                                                                             ू
               11& रनहमन िानी -------------------------------  मोती] मानष] चन।।

               izlax& ikuh] ped vkSj lEeku & bu rhuksa dk thou esa egRo gS A



               HkkokFkZ&



                                                                                                         े
                                                                                     ा
                                   े
               रहीम जी ने अिन दोहों में जीवन क े नलए जल क े महत्व का वणन नकया है । उनक
                                                                              ू
                            े
                   ु
                                                                                                 े
               अनसार हमशा िानी को बचाकर रखना चानहए । यह बहुमल्य होता है । इसक नबना
                                                             ें
                           ं
                 ु
                                                                                      े
               कछ भी सभव नहीं है । नबना िानी क े हम न मोती में चमक नमलगी और न हम
                                                                                      ा
                                                  ु
                                         ाँ
                                                               ा
                                                           ं
               जीनवत रह िाए¡गे । यहा िर मनष्य क े सदभ में कनव ने मान-मयादा को िानी की तरह
               बताया है । नजस तरह िानी क े नबना मोती की चमक चली जाती है ] ठीक उसी तरह
                        ु
                                                          े
                                          ा
               एक मनष्य की मान-मयादा भ्रष्ट हो जान िर उसकी प्रनतष्ठा रूिी चमक खत्म हो जाती
               है  vkSj fcuk ikuh ds jksVh ugha cu ldrh gS  blfy, vkVk csdkj gS A


                                                           ****
   1   2   3   4   5