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सहायता खद ही करनी होती है] द ू सरा कोई हम उस नविनि से नहीं ननकाल
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सकता। नजस प्रकार िानी क े नबना कमल क े िल को सय क े जसा तजस्वी भी
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नहीं बचा िाता और वह मरझा जाता ह। उसी प्रकार नबना सिनि क े मनष्य का
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जीवन-ननवाह हो िाना असभव है vr% euq”;r dks nwljksa dk eq¡g u rkddj
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11& रनहमन िानी ------------------------------- मोती] मानष] चन।।
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रहीम जी ने अिन दोहों में जीवन क े नलए जल क े महत्व का वणन नकया है । उनक
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अनसार हमशा िानी को बचाकर रखना चानहए । यह बहुमल्य होता है । इसक नबना
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कछ भी सभव नहीं है । नबना िानी क े हम न मोती में चमक नमलगी और न हम
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जीनवत रह िाए¡गे । यहा िर मनष्य क े सदभ में कनव ने मान-मयादा को िानी की तरह
बताया है । नजस तरह िानी क े नबना मोती की चमक चली जाती है ] ठीक उसी तरह
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एक मनष्य की मान-मयादा भ्रष्ट हो जान िर उसकी प्रनतष्ठा रूिी चमक खत्म हो जाती
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