Page 3 - ln
P. 3

HkkokFkZ&



                                                                                     े
                                                                                           ु
                   ाँ
                                                           े
                                               ु
               यहा िर कनव ने स्वाथी मनष्य क े बार में बताया है और उस िश से भी बदतर
                                                                               ु
                       ै
                                                               ु
                                           ु
                                                 े
               कहा ह। नहरण एक िश होन िर भी मधर ध्वनन से मग्ध होकर नशकारी िर
                                                     े
                              ु
                                                          ै
                                                               ै
                                                                 े
                                                                             ु
               अिना सब कछ न्योछावर कर दता ह। जस कोई मनष्य कला से प्रसन्न हो जाए
                                                                      ु
                                           े
               तो निर वह धन क े बार में नहीं सोचता अनित वह अिना सारा धन कला िर
                                                                                      े
                                                ु
                                                        ु
                                 े
                                                                ु
               न्योछावर कर दता है ijarq कछ मनष्य िश से भी बदतर होत हैं A वे कला का
                                                             ु
                                               ु
                                                      े
                                                                          े
                                                                         े
                                    े
                                  े
                 ु
               लत्फ़ तो उठा लत हैं] िरन्त बदल में कछ नहीं दत ।

               8& नबगरी बात ------------------------------------------- माखन होय।।
               izlax&


               fcxM+h gqbZ ckr yk[k l¡okjus ij Hkh ugha curh A



               HkkokFkZ&



                                                 ं
                                                                     ाँ
                                                   ं
                                  ें
               रहीम जी ने हम जीवन से सबनधत कई नशक्षाए दी हैं और उन्ही में से एक
                                       ें
                                                                                                  े
                                            े
               नशक्षा यह है नक हम हमशा कोनशश करनी चानहए नक कोई बात नबगड़ नहीं।
                                                                                                       ू
               नजस प्रकार अगर एक बार द ू ध िट जाए] तो निर लाख कोनशशों क े बावजद

                                                                   े
                             े
               भी हम उस मथ कर माखन नहीं बना सकत, ठीक उसी प्रकार अगर एक बार

                                                                                                         ैं
                                                              े
                                                       े
                                                                                                      े
               कोई बात नबगड़ जाए] तो हम उस िहल tSlk ठीक कभी नहीं कर सकत ह।
                                       े
                                                          ें
                                                 े
                                                                             े
                                                                े
               इसनलए बात नबगड़न से िहल ही हम उस l¡Hkky लना चानहए।
   1   2   3   4   5