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वह यु ध-भू म मर ,
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वह बु ध-भू म मर ।
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वह मातृभू म मर ,
वह ज मभू म मेर ।
या या –
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तुत पंि तय क मा यम स क व इस भू म क प व ता को दशाते हए कहते ह क यह
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वह दश ह जहाँ भगवान राम और माता सीता का ज म हआ। यह वह भू म ह जहाँ
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भगवान ीक ृ ण ने अपनी बासुर क मधुर व न क साथ गीता का पावन ान संसार को
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दान कया, िजसस मानवता को धम , कम और स य का माग दश न मला।
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यह वह भू म ह जहाँ गौतम बु ध का ज म हआ और उ ह ने अपनी क णा, अ हंसा और
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ान स संपूण व व को दया और स य का संदश दया। उ ह ने अ ान क अंधकार म भटक
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हए लोग को स चा माग दखाया और उ ह मो क ओर अ सर कया।
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अंत म, क व इस दश को दोन कहकर इसक अ वतीय ”भू म-बु ध“ और ”भू म-यु ध“
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वशेषता को दशाते ह। यह वह भू म ह जहाँ धम और याय क र ा क लए महाभारत
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जैस यु ध लड़े गए, वह ं यह अ हंसा और शा त का संदश दने वाले महापु ष क ज म थल
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भी रह ह। क व क अनुसार यह उनक मातृभू म ह और यह उनक ज मभू म ह। यह दश
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कवल भू म का एक ट ु कड़ा नह , बि क ज मभू म और मातृभू म क प म पूजनीय ह।
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श दाथ –
हमालय – भारत का एक बड़ा पव त (बफ से ढका पव त)
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चरण तले – पैर क नीच,
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संधु – समु
झरने – पहाड़ से गरने वाले जल वाह
झरते – गरते
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पहा ड़याँ – छोट- छोट पव त
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अमराइयाँ – आम क पेड़ का बगीचा
घनी – बहत अ धक, सघन
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पुकारती ह – आवाज़ दती ह, गाती ह
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पुनीत – प व , शु ध
सुयश – स ध
वंशी – बाँसुर
Learning outcome :