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                                                                              ै
                                      े
                    पेड़-पौध  को जीने क  लए सूरज क  रोशनी बहत ज र  होती ह। अगर पौध को रोशनी न
                                                               ु
                                                          े
                                                      े
                                                                                        े
                                                                      ै
                        े
                                             ै
                     मल, तो वह मुरझा जाता ह और धीर-धीर मर जाता ह। इसी लए, पौधे हमशा सूरज क  ओर
                                                                                                    े

                                                           ँ


                    मुड़ने क  को शश करते ह। जंगल  म पेड़ ऊचे उठने क  को शश करते ह ता क  यादा स
                                                          ँ
                     यादा रोशनी  मल सक। बेल-लताएँ भी ऊचे पेड़  से  लपटकर ऊपर चढ़ती ह, ता क वे भी

                                         े
                    रोशनी तक पहँच सक।

                                 ु
                                                             े
                                                                                          े
                    पेड़ हम फल, फ ू ल और बीज दता ह। फ ू ल  स ह  बीज बनते ह, िजससे नए पड़ ज म लते ह।

                                                    ै
                                               े


                                                                                                   े
                               ं
                    फ ू ल अपने रग और खुशबू स  तत लय  और मधुमि खय  को आक ष त करते ह, जो पराग-
                                              े



                                                                                              ै
                                                                           े
                                                               ै
                                                                               े
                    कण म मदद करते ह। जब पेड़ बूढ़ा हो जाता ह, तो वह धीर-धीर सूखने लगता ह। उसक
                    शाखाएँ कमजोर हो जाती ह, प   गर जाते ह और एक  दन पूरा पेड़ जमीन पर  गर पड़ता

                                                 े

                    ह। ल कन इसक पहल ह  वह अपन बीज धरती म छोड़ जाता ह, िजसस नए पड़ उग सक।

                                  े
                                                    े
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                                                                                     े
                                                                              ै
                                                                                            े
                     ै
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                                                                                       ै


                    पेड़ हम  सखाते ह  क जीवन म  याग, धैय  और सेवा  कतनी मह वपूण  ह। वे  बना  कसी
                                                                                         े
                     वाथ  क हम हवा, फल, लकड़ी और छाया दते ह। उनका पूरा जीवन दूसर  क  लए सम प त
                                                           े
                           े


                    होता ह। हम भी पेड़  क  तरह सहनशील और परोपकार  बनना चा हए। इस पाठ स हम यह
                          ै

                                                                                               े


                                                   े
                    सीख  मलती ह  क हम पेड़  क  दखभाल करनी चा हए और  यादा स  यादा पेड़ लगाने
                                                                                   े
                                 ै
                    चा हए, ता क पृ वी हर -भर  और सुदर बनी रह।
                                                    ं
                                                              े

                    ग यांश
                                                                                                     ै
                    बहत  दन  तक  ------------------------------------------------------------- समा त हो जाता ह |
                      ु
                                                                              े
                                                                                                       -
                                                                                                       े
                               े
                                              ै
                     या या – लखक बता रहा ह  क बहत  दन  तक बीज  म ट  क नीचे दबा रहा। समय धीर
                                                     ु
                    धीर बीतता गया और कई मह ने गुजर गए।  फर ठडी सद  क बाद वसंत आया और उसक
                                                                                                      े
                                                                            े
                       े
                                                                   ं
                    बाद बा रश शु  हई। बा रश क  ह क  फ ु हार  ने  म ट  को नम कर  दया। अब बीज को
                                    ु
                                                       े
                                                                   ै
                    और  छपे रहने क  ज रत नह  थी। लखक कहता ह  क ऐसा लग रहा था जैसे कोई  शशु
                                                ं
                                                                                                े
                                                                                            े
                                                                                     े
                    को पुकार रहा हो  क अब सोए मत रहो, ऊपर उठो, सूरज क  रोशनी दखो। धीरधीर बीज -

                                                                                       े
                    का खोल ट ूटने लगा और उसम से एक न हा अंक ु र बाहर  नकल आया। लखक बताता ह  क
                                                                                                    ै
                                                                      े

                    अंक ु र का एक  ह सा  म ट  म मजबूती से जड़ पकड़न लगा और दूसरा  ह सा  म ट  को
                                                                 ै
                                            े
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                                                     े
                    भदकर ऊपर क  ओर बढ़न लगा। लखक पूछता ह  क  या तुमने कभी अंक ु र को ऊपर उठते
                                           ै
                     े
                    दखा ह? वह ऐसे उठता ह जैसे कोई छोटा ब चा अपनी गदन उठाकर नई दु नया को
                          ै

                               े
                    आ चय  स दख रहा हो।
                             े
                    इस अंश म लखक कह रहा ह  क जब  कसी वृ  का अंक ु र  नकलता ह, तो उसका एक
                                                                                     ै
                                 े

                                               ै
                                                                      ं
                                 े
                                                   ै
                                                                                                    े

                    भाग  म ट  क अंदर चला जाता ह, िजसे कहते ह। वह  ’जड़‘, दूसरा भाग  म ट  को भदकर
                                              े
                                                                                                े
                                        ै
                                                        -
                    ऊपर क  ओर बढ़ता ह, िजस पौध  को  कहा जाता ह। यह एक रोचक बात ह  क पड़ ’तना‘
                                                                                          ै
                                                                    ै

                     कसी भी  दशा म रखो,  फर भी जड़ हमेशा नीचे क  ओर और तना ऊपर क  ओर ह
                    बढ़गा।
                      े
                     े
                    लखक ने एक गमल म पौधा लगाया और पर  ण क  लए उसे क ु छ  दन उ टा लटका
                                                                    े

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