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SAI INTERNATIONAL SCHOOL

                                                         SHS

                                                   GRADE – VI


                                                ND
                                              2  LANG. (HINDI)
               पाठ-  सत्रिया और त्रिह नृत्य - 2
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               लखिका— जया मेहता
               Lesson Notes -

               Learning objective &

                                                            े
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               1. नाटकीय शैली म अभिनय की कला सीिग |
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                                                          े
               2. त्रिह नृत्य करने वाल साहसी कलाकारों क शक्तत स पररचय |
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               3. सत्रिया कलाकारों क साक्षातकार से सीि |
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               4. असमी नृत्य पर एजला द्वारा िनाए गए योजना का ज्ञान |
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               पाठ का सार -
               एंजेला अपने पररवार क े साथ असम क े एक प्रभसद्ध ‘सि’ (वैष्णव मठ) की यािा करते हैं,
                                                                               ं
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               जहााँ उन्ह सत्रिया नृत्य दिने का अवसर भमलता ह। यह नृत्य परपरागत ऱूप से पुरुषों द्वारा
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                                                                                      ै
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               ककया जाता था, लककन अि इसम महहलाओं की िागीदारी िी िढ़ रही ह। यहााँ एंजेला की
                                                                                                 ै
               मुलाकात रीना सेन की िेटी अनु से होती है, क्जससे उसकी गहरी भमिता हो जाती ह। अनु
                                                                              ै
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               उसे असभमया सस्क ृ तत और पारपररक िेलों से पररचचत कराती ह। दोनों साथ भमलकर सत्रिया
                                                                          ैं
               नृत्य की मुद्राओं और शैली को समझने की कोभशश करती ह। एंजेला नृत्य की इस िव्यता
               और शक्तत से िहत प्रिाववत होती है, िासकर जि वह महहलाओं द्वारा प्रस्तुत सत्रिया नृत्य
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               दिती ह।
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               इस यािा क े दौरान एंजेला को िारतीय सस्क ृ तत की गहराई और ववववधता का अनुिव होता
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               ह। वह समझती है कक नृत्य और संगीत भसर् मनोरजन का माध्यम नहीं, िक्कक िावनाओं
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               को व्यतत करने और समाज की परपराओं को सुरक्षक्षत रिने का एक महत्वपूणफ तरीका ह।
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               जि वह लंदन लौटती है, तो अपनी कक्षा में त्रिह और सत्रिया नृत्य का प्रदशफन करती है,
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               क्जसे उसक सहपाठी और भशक्षक िहत सराहते ह। इस अनुिव से उसे यह िी अहसास होता
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               है कक कला और सस्क ृ तत की िाषा सि जगह फ़ली हई है, जो ककसी िी व्यक्तत को ककसी
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               िी सस्क ृ तत से जोड़ सकती ह। इस यािा ने एंजेला क े जीवन को एक नया दृक्ष्टकोण हदया,
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                                           ं
               और उसने िारतीय नृत्य परपराओं को अपने हदल में िसा भलया।
               गद्ािंश
                                                                                                 िं
               एिंजेला की मााँ ------------------------------------------------------------------खुद का मनोरजनथा |
               व्याख्या –
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