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ऱूपी अन्धकाि को ज्ञान ऱूपी उजाल में परििततित ककया। ददए औि तूफान की यह कहानी
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सददयों से चली आ िही है औि आग भी चलती िहगी। औि जो ज्ञान ऱूपी ददप की पहली
सोने क े सामान िौशनी र्ी िह आज भी जल िही है औि आग भी जलती िहगी। कहने का
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आशय यह है कक संघषि औि प्रेम की कहानी सददयों पुिानी है औि ये भविटय में भी चलती
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िहगी क्योंकक संघषि औि प्रेम ि ् आशा जीिन क े दो पहलू ह। ज्ञान ऱूपी ददए से जो उम्मीद
ऱूपी प्रकाश तनकला र्ा उसकी चमक सोने क े सामान हमेशा िहगी क्योंकक ज्ञान कभी समाप्त
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नहीं होता। ज्ञान सदि चमकता िहता ह। यदद धिती पि एक भी ज्ञान ऱूपी ददया प्रेम ऱूपी
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तेल से भिा िहगा िह अज्ञान ऱूपी िात को उम्मीद ऱूपी सिेिा ददिाता िहगा।
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शब्दार्ि –
जलाते चलो – प्रकासशत किना
स्नेह – प्रेम
धरा – धिती
अँधेरा – अाँधकाि, तनिाशा, बुिाई
ननहहत – विध्यमान
हिवस – ददन
ननशा – िात
ववधुत – बबजली
पथ – िास्ता
नतमिर – अाँधेिा
चुनौती – ललकाि
सररत – नदी
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ननरतर – लगाताि
मशला – पत्र्ि, चिान
अनगिनत – ष्जनकी कोई चगनती न हो
साक्षी – गिाह
Learning outcome :
1. पूर्णिमा औि अमािस्या क विशेषताओं की जानकािी हई|
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2. कविता क माध्यम स आशािादी भाि विकससत हआ|
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3. बच्चों में प्रक ृ तत क प्रतत ऱूचच बढ़ा |
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4. अंधकाि औि प्रकाश म अंति समझ |
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5. संघषों से नहीं घबिाना |
6. दीपक की विशेषता का ज्ञान हआ |
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