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SAI INTERNATIONAL SCHOOL
SHS
GRADE – VI
ND
2 LANG. (HINDI)
पाठ- जलाते चलो
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कवि – द्िारिका प्रसाद माहश्ििी जी
Lesson Notes -
Learning objective &
1. पूर्णिमा औि अमािस्या क विशेषताओं की जानकािी प्राप्त होना|
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2. कविता क माध्यम से आशािादी दृष्टिकोण विकससत कि सकग|
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3. बच्चों में प्रक ृ तत क प्रतत ऱूचच बढ़ना |
4. अंधकाि औि प्रकाश म अंति को समझना |
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5. संघषों से नहीं घबिाना |
6. दीपक की विशेषता का ज्ञान होना |
पाठ का सार -
“जलात चलो” कविता में द्िारिका प्रसाद माहश्ििी ने दीपक क े माध्यम से साहस, संघषि औि आशा का
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संदश ददया ह। यह कविता हम अज्ञान ऱूपी अंधकाि से न घबिान औि तनिति आग बढ़न की प्रिणा दती
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ह। ददए का उदाहिण दकि कवि चुनौततयों का सामना किन क े सलए प्रेरित किता ह। कवि कहता है कक
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एक छोिी-सी उम्मीद भी बडी-बडी कदिनाइयों को हिाकि जीत ददला सकती ह। कवि लोगों को ज्ञान ऱूपी
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दीयों में प्रम ऱूपी तल भि-भि कि डाल कि जलान को प्रेरित कि िहा है क्योंकक कवि क े अनुसाि ज्ञान
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औि प्रम से कभी न कभी तो इस धिती की नफ़ित औि बुिाइयााँ समाप्त होंगी। आज विज्ञान ने इतनी
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उन्नतत कि ली है कक अमािस्या जैसी अाँधिी िात में पूर्णिमा जैसा उजाला किना संभि ह। पिन्तु इतना
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उन्नत होन पि भी आज विश्ि में अमािस्या जैसा अन्धकाि फला हआ है, अर्ाित प्रक ृ तत से लगाताि
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र्िलिाड किन ि ् विनाशकािी हचर्यािों क े तनमािण क े कािण हि ओि दुुःि ि ् तनिाशा का माहौल ह। आज
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विज्ञान ने िोशनी फलान िाल कई उपकिण बना ददए हैं। उन उपकिणों से सही िास्ता ददिान िाला ज्ञान
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ऱूपी प्रकाश नहीं समल सकता। इससलए कवि उन्ह बुझा कि ज्ञान ऱूपी प्रकाश िाल दीपक जलान को कह
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िहा ह। ज्ञान क े िास्त पि चलत-चलत एक न एक ददन अज्ञान से मुष्क्त समल ही जाती है इससलए कवि
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लगाताि ज्ञान क े पर् पि चलन को कह िहा ह। ज्ञान ि ् संघषि को अज्ञान, लालच, स्िार्ि जैसी बुिाइयााँ
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अक्सि समिान का प्रयास किती िहती ह। ज्ञान ऱूपी मागि ददिान िाल महापुरुषों को अज्ञानी ि ् पािंडडयों
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ने मििा ददया या झूिा साबबत कि ददया ष्जसक कािण कई वििोचधयों ने हम पि शासन ककया ककन्तु
उन्हीं महापुरुषों क े ज्ञान को सीि ऱूप में लकि नई पीदढ़यों ने अज्ञान ऱूपी अन्धकाि को ज्ञान ऱूपी उजाल
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में परििततित ककया। संघषि औि प्रम की कहानी सददयों पुिानी है औि ये भविटय में भी चलती िहगी
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क्योंकक संघषि औि प्रम ि ् आशा जीिन क े दो पहलू ह। ज्ञान कभी समाप्त नहीं होता। ज्ञान सदि चमकता
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िहता ह। यदद धिती पि एक भी ज्ञान ऱूपी ददया प्रम ऱूपी तल से भिा िहगा िह अज्ञान ऱूपी िात को
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उम्मीद ऱूपी सििा ददिाता िहगा।
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