Page 3 - LN-Agnipath
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भी क ठन समय म कसी क मदद नह लेनी चािहए और न ही सहानभित की उ ीद रखनी
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चािहए । वय ही अपने रा ते पर कड़ी मेहनत क साथ बढ़ते रहना चािहए।
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तू न थकगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
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तू न मुड़गा कभी! कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अि पथ! अि पथ! अि पथ!
श दाथ -
शपथ - कसम, सौगंध
ा या - किव मनु य को समझाते ए कहता है क जब जीवन म क ठन रा ते पर चलने का
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फसला कर लो तो एक ित ा करनी चािहए क चाह मंिजल तक प ँचाने क रा ते म कतनी
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भी मुि कल य न आए, मनु य को कभी भी मेहनत करने से थकना, कना या पीछे मड़ना
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नहीं चािहए ।
यह महान दृ य है
चल रहा मनु य है
अ ु- वेद-र से लथपथ, लथपथ, लथपथ
अि पथ ! अि पथ ! अि पथ !