Page 3 - Microsoft Word - TOPIC- 3 YATAYU ---NOTES
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ोक: -6
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अथ - म (तो ) बूढा ं, पर त तुम युवक (जवान) हो , धनुषधारी हो , रथ से यु हो, कवचधारी हो
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और बाण धारण कए हो | तो भी मेर रहत सीता को लेकर नह जा सकोगे |
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श दाथा : - वृ : - बूढा, अहं - मे, युवा - युवक (जवान) , ध वी - धनुषधारी , सरथ: - रथ से यु ,
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कवची - कवचधारी , शरी – बाण वाले , आदाय - लेकर. कशली – कशलता पूव क , वैदेहीम् - सीता
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को , मे - मेर (रहत) , गिम यिस - जा सकोगे |
ोक: -7
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अथ - उस उ म तथा अतीव बलशाली प ी ( जटायु ) न अपने तीखे नाखुन तथा पैर से उस (रावण)
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क शरीर पर ब त से घाव कार दए |
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श दाथा : -त य- उसक (जटायु क ), ती णनाखा याम्-तेज नाखून से , चरणा याम्-पैर से ,
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महाबल: - ब त बलशाली, पतगस म:- पि य से उ म ( े ) चकार –कार दए,ब धा – ब त- से ,
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गा े - शरीर पर , णान –घाव को |
ोक: -8
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अथ –उसक बाद उस महान तेज वी (जटायु) न मोितय औ मिणय से सजे ए उसक (रावण क)
िबशाल धनुष को अपने पैर से तोड डाला |
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श दाथा : -तत: - उसक बाद , अ य – उसक , सशरम् - बाण क सिहत , चापम् –धनुष को ,
मु ामिणिवभूिषतम् - मोितय और मिणय से सजे ए, चरणा याम् – दोनोपैर से , महातेजा –
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महान तेज वी , बभ - तोड डाला , अ य – इसक , मह न - िबशाल धनुष को |