Page 3 - Microsoft Word - TOPIC- 3 YATAYU ---NOTES
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             अथ  -  म  (तो ) बूढा   ं, पर त तुम युवक (जवान) हो , धनुषधारी हो , रथ से यु  हो, कवचधारी हो
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                                                      े
             और बाण धारण  कए हो | तो भी मेर रहत सीता को लेकर नह  जा सकोगे |
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             श दाथा : - वृ : - बूढा, अहं - मे, युवा - युवक (जवान)  , ध वी - धनुषधारी , सरथ: - रथ से यु ,
                                                                                ु
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             कवची - कवचधारी , शरी – बाण वाले   , आदाय - लेकर. कशली – कशलता पूव क , वैदेहीम् - सीता
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             को , मे - मेर (रहत) , गिम यिस - जा सकोगे |


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             अथ  -  उस उ म तथा अतीव बलशाली प ी ( जटायु ) न अपने तीखे नाखुन  तथा पैर  से उस (रावण)
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             क शरीर पर ब त से घाव कार  दए |
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             श दाथा : -त य- उसक (जटायु क ), ती णनाखा याम्-तेज नाखून  से , चरणा याम्-पैर  से  ,
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             महाबल: - ब त बलशाली, पतगस म:- पि य  से उ म ( े ) चकार –कार  दए,ब धा – ब त- से  ,
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             गा े - शरीर पर ,  णान –घाव  को |


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                                                                                                        े
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             अथ  –उसक बाद उस महान तेज वी (जटायु) न मोितय  औ मिणय  से सजे  ए उसक (रावण क)
             िबशाल धनुष को अपने पैर  से तोड डाला |
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                                                                         े
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             श दाथा : -तत: - उसक बाद , अ य – उसक , सशरम् - बाण  क सिहत , चापम् –धनुष को ,
             मु ामिणिवभूिषतम् - मोितय  और मिणय  से सजे  ए, चरणा याम् – दोनोपैर   से , महातेजा –
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             महान तेज वी , बभ  - तोड डाला , अ य – इसक , मह न - िबशाल धनुष को |
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