Page 3 - Microsoft Word - TOPIC-3 ARYABHATTA Notes
P. 3
ृ
ं
े
े
ं
सयोगाद ् हण भवित। यदा पिथ ाः छायापातन च काशः अव त तदा च हण ं
ू
े
ृ
ै
ू
े
े
ं
भवित। तथव प ीसययोः म समागत च छायापातन सय हण त।
्
ै
्
ं
श ाथ : योगदानम-सहयोग। स म-स त। आकलन-गणना। आदधाित-रखता ह। िव िसित
ृ
े
े
्
-िव ास करता था। गिणतीयप ा-गिणत की प ित (तरीक) स। आकलनम-गणना। आध -
े
ू
े
ू
्
आधा रत करक। ितपािदतम-वणन िकया गया। प रतः-चारों ओर। म ाः -घमन वाली की, घमती
े
ै
े
े
े
े
ै
ू
े
े
े
ई की। प र मापथन-घमन क माग स। छायापातन-छाया पड़न स। अव त- क जाता ह। तथव-
े
ै
े
वस ही। समागत -आए ए (क)।
ै
े
ं
ँ
सरलाथ : आयभट का योगदान (सहयोग) गिणत ोितष स स रखता ह जहा स ाओं की गणना
े
ै
े
मह रखती ह। आयभट फिलत ोितषशा म िव ास नहीं करत थ। गिणत शा की प ित
े
े
े
े
(तरीक) स िकए गए आकलन (गणना) पर आधा रत करक ही उ ोंन कहा ( ितपािदत िकया) िक
ु
ृ
े
ँ
ू
े
े
हण (लगन) म रा और कत नामक रा स कारण नहीं ह। वहा पर सय, च मा और प ी य तीनों
े
ृ
े
ं
े
े
ू
े
ू
ू
ही कारण ह। सय क चारों ओर घमती ई प ी का च मा क घमन क माग क सयोग (कारण) स े
ै
े
े
ै
ै
ृ
हण होता ह। जब प ी की छाया पड़न स च मा का काश क जाता ह तब च हण होता ह।
ू
ू
ृ
े
े
े
ै
ै
ै
े
वस ही प ी और सय क बीच म आए ए च मा की परछाई स सय हण िदखाई पड़ता ह (दता ह)।
ं
ु
े
ं
ू
े
(घ) समाज नतनाना िवचाराणा ीकारण ायः सामा जनाः कािठ मनभव ।
्
ै
े
े
भारतीय ोितःशा तथव आयभट ािप िवरोधः अभवत। त िस ा ाः उपि ताः। स
ं
ु
ु
ै
्
प त ानाम उपहासपा जातः। पनरिप त ि ः कालाितगािमनी ा। आधिनकः
ै
ै
े
्
े
ं
व ािनकः त न, त च िस ा समादरः किटतः। अ ादव कारणाद ् अ ाक
्
ृ
ु
थमोप ह नाम आयभट इित कतम। व तः भारतीयायाः गिणतपर रायाः अथ च
्
ु
िव ानपर रायाः असौ एकः िशखरप षः आसीत।
े
े
ू
े
्
े
्
श ाथ : नतनानाम-नए (क)। ीकारण- ीकार करन (मानन) म। कािठ म-किठनाई (को)।
्
ु
े
ं
े
े
्
े
उपि ताः-उपि त (अनसन) कर िदए गए। प त ानाम- य को भारी िव ान मानन वालों का।
्
ँ
े
े
ँ
उपहासपा म-हसी क पा । ि ः-िवचारधारा। कालाितगािमनी-समय को लाघन वाली। समादरः-
ु
ु
स ान। किटतः- िकया। व तः-वा व म। िशखर प षः-सव ।