Page 6 - Microsoft Word - TOPIC-2 KAHA RAKHYATI KAHA NOTES
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स वो भिव॥
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सव – अतीवान दोऽय जलिवहार◌ः।
सरलाथ :
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परिम र – ा क का िम ी म न िमलन स हमार पयावरण को ब त हािन होती ह। पहल तो कपास
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( ई) स, चमड़ स, लोह स, लाख स, िम ी स अथवा लकड़ी स बनी ई व ए (चीज) ही िमलती थीं। अब
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उसकी जगह पर ा क स बनी ई चीज ही िमलती ह।
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वभव – हा, घड़ी की प ी, दसर ब त कार क बतन, कलम आिद सभी तो ा क स ही बनी ई होती
ह।
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जोसफ – हा, हम माता-िपता-िश कों क सहयोग स ा क क अनक प ों पर िवचार करना चािहए।
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पयावरण क साथ पश भी रि त िकए जान चािहए। (इसी कार स बातचीत करत ए सभी नदी क िकनार
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प च गए, नदी क पानी म डबकी लगात ह और गात ह।)
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ह िम ! अ पयावरण स ससार की अ ी थित ह (होती ह)। ससार म उ ओं का अ ा रहना ही
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वा व म धरती पर रहना ह।
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सब – यह जल ीडा (खल) ब त आनददायक ह।
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श ाथ : मि कायाम-िम ी म। लयाभावात-न िमलन स। ितः-हािन। ला या-लाख स। ा - ा
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होत थ। घिटपि का-घड़ी की प ी। ब िवधािन-ब त कार क। कलम-इ ादीिन-कलम आिद। िप ो:-
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माता-िपता क। िवचारणीयाः-सोचन यो ह (सोचन चािहए)। आलप ः-बातचीत करत ए। ा ाः-प च
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गए। िनम ताः-डबकी लगात। सपयावरणन-अ पयावरण स। जगत:-ससार म। स थितः-अ ी
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थित। जगित-ससार म। जायमानानाम-उ ओं का। स वः-उ होना। भिव-धरती पर। स वः-
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अ ा िनवास होता ह।
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