Page 3 - Microsoft Word - TOPIC-2 KAHA RAKHYATI KAHA NOTES
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                                                                                       ्
                                                                                                      ं
                                                                                               ्
               पिम र – आम एतदिप सवथा स म! आग   नदीतीर ग ामः! त  चत काि त शा    ा                           ु
                    े
               श म।


               सरलाथ :

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               परिम र – हा, आज तो वा व म ही

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                                                                      ै
                                                                                  ु
                                                                                      े
                                                            ू
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               गम  की धप म तप  ए     का ताल िन य स सख जाता ह। भयभीत मन  क समान ही शरीर मानो
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                                  ै
               पसीन स भर जाता ह।
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                                                                                          े
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                                                                                                े
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                                                                                                           े
               जोसफ – िम ो! जहा-जहा ब मिजला भवनों क, भिमगत (Under Ground) रा ों क, िवशष  प स मटो
                                                                                         े
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                                                                                                ृ
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               क रा ों क ऊपर स जान वाल पलों (Over Bridges) क रा  आिद | क िनमाण क िलए व  काट जात            े
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                                   ू
                                                                       ू
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               ह तो हम और दसरी दसरी  ा अप ा (आशा) कर? हम तो भल ही गए ह-
                                               े
                                                                  े
                                    े
                                                                ै
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                                                                                             ु
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                                                                                         ु
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                                                                                     े
                                                                                   ै
                                                                                       ु
               एक सख व  क अि  क  ारा जलन स वह सारा वन वस ही जल जाता ह, जस कप  (बर प ) स सारा
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                               ै
               वश (जल जाता ह)।
                                                                े
                                                  ै
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                                                                                  ँ

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                                                                       े
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               परिम र – हा, यह भी परी तरह सच ह। आओ नदी क िकनार चल ह। वहा शायद कोई शा    ा  हो
               सकगी।
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                                                                                                          े
                                                              ु
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                                                                                             े
                                                                   ु

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                                                        ै
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                                                                               े

               श ाथ : व तः-वा व म। याित ा  होता ह। ताल-ताल। िह-िन य स। श ताम-सखपन को। इव-क
                                                                                                 े
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                                      े
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                                                                                                         े
                                                                                        ्
                                                             ु
                                                                                             ं
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               समान। काि त-कछ।  दवत-पसीन की तरह। वपः-शरीर। ब भिमक भवनानाम-ब मिजल भवनों क।
                                                                                        ृ
                                                                                          े
                           े
                                                                                    ु
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                                           े
                                                            ै
                                                                  ृ
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                                       े
                                                                                                  े
               क नत-काट जात ह। अप त-आशा की जाती ह। िव तव ः- भल गए। श व ण-सख पड़ स।
                                                                   ं

                                                                                    ु
                           ं

                                                                                  ं
                                ु
               (ग) (नदीतीर ग कामाः बालाः य -त  अवकरभा ार    ा वातालाप कव  )
                                                                        ्
                    े
                                ु
                                                                                ं
                                                            ू
                                                                                                     े
                                                                                                        ्
               जोसफः – प   िम ािण य -त   ा  क तािन अ त चावकर  ि  म  । क त यत ।
                                                                                           े
                                             ु
                                           ं
                                       ं
                                                                                    े
                 ता  ा करी पर वय त िशि ताः अिप अिशि त इवाचरामः अनन  कारण…
                 ै
                         ृ
                                               ं

                                                                    ं
                                                                                                  ं
                                                                 े

                                ु
               वभवः – गहािण त अ ािभः िन    ािन ि य  पर िकमथ  पयावरण    ता  ित
                             े
                     ं
               ‘ ान न दीयत।
                                                                                                  ु

                                                                                             ृ
                                                                                                ं
                                                                                          े
                                                                         े
               िवनयः – प -प  उप रतः इदानीमिप अवकरः माग ि  त। (आ य) महोदय! कपा क  माग
                                                  ृ
                                                      ्
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                              ्
                म ः । एतत त सवथा अशोभन क म।
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