Page 4 - LESSON NOTES - TOPI SHUKLA - 3
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इसिलए वह उ ीं स िमलता और उ ीं क साथ खलता था। अपन साथ नवीं क ा म
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पढ़न वालों म स िकसी क साथ उसकी दो ी नहीं हो सकी थी। वह जब भी क ा म
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बठता, उस अपना उस क ा म बठना अजीब लगता था । उस पर ज़ यह आ िक
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क ा क कमज़ोर लड़कों को जब मा र जी समझात तो उस का उदाहरण दत ए
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कहत िक साम अवतार (या मह द अली), बलभ की तरह इसी क ा म िटक रहना
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चाहत हो ा? यह सन कर सारी क ा हसन लगती। हसन वाल व िव ाथ होत थ जो
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िपछल साल आठवीं क ा म थ। टोपी न िकसी न िकसी तरह इस साल को झल िलया।
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पर जब सन इ ावन म भी उस नवीं क ा म ही बठना पड़ा तो उस ब त अिधक
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शम महसस होन लगी, ोंिक अब तो दसव म भी कोई उसका दो नहीं रह गया था।
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जो िव ाथ सन उनचास म आठवीं क ा म थ व अब दसवीं क ा म थ। जो सन
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उनचास म सातवीं क ा म थ व टोपी क साथ प च गए थ। उन सभी क बीच म वह
अ ा-ख़ासा बढ़ा िदखाई दन लगा था।
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िजस तरह टोपी अपन भर-पर घर म भी अकलापन महसस करता था, उसी तरह अपन े
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ल म भी अकला हो गया था। मा रों न उसकी ओर ान दना िबलकल ही छोड़
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िदया था, कोई सवाल िकया जाता और जवाब दन क िलए जब टोपी भी हाथ उठाता, तो
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कोई मा र उसस जवाब नहीं पछता था। पर जब टोपी न हार नहीं मानी और अपना
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हाथ उठाता ही रहा, तो एक िदन अ जी-सािह क मा र साहब न कहा िक टोपी तो
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तीन साल स यही िकताब पढ़ रहा ह, उस तो सार जवाब ज़बानी याद हो गए होंग,
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उसक साथ बठ इन लड़कों को अगल साल हाई ल की परी ा दनी ह। उ इस
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साल इन लड़कों स पछन दो, टोपी स तो व आन वाल साल म भी पछ सकत ह।
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अ जी-सािह क मा र साहब की इस बात को सन कर टोपी इतना शमाया िक
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उसका काला रग भी लाल हो गया। और जब सभी ब खल खलाकर हस पड़ तो टोपी
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मानो िबलकल मर ही गया हो। जब वह पहली बार नवीं क ा म आया था, तो वह भी
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इ ीं ब ों की तरह िबलकल ब ा ही था। और अब दो साल इसी क ा म होन क
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कारण वह िबलकल बढ़ा लगता था।
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जब अ जी-सािह क मा र न टोपी को क ा म बइ त िकया था, उसी िदन अबदल
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वहीद न लच म एक ऐसी बात कही िक टोपी ब त अिधक ग म आ गया। वहीद
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क ा का सबस तज़ लड़का था। क ा का म खया भी था।और सबस मह पण बात यह
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थी िक वह लाल तल वाल डॉ र शरफ़ ु ीन का बटा था। अबदल वहीद न टोपी स कहा
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िक वह उन लोगों क साथ ों खलता ह। उस तो आठवीं क ा वालों स दो ी करनी
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चािहए ोंिक व लोग तो आग दसवीं क ा म चल जाएग और टोपी को तो आठवीं वालों