Page 2 - LESSON NOTES - TOPI SHUKLA - 1
P. 2

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                                                                                              े
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                                                                                     ँ
                    गहरी दो ी हो जाती ह। य दो ी  िदखती ह िक ब ों की भावनाए िकसी भद को नहीं
                                   े
                                             े
                                                                                               े

                                                                                    ै
                    मानती। आज क समाज क िलए ऐसी ही दो ी की आव कता ह। जो धम क नाम पर
                                             े
                                                                                      े

                    खड़ी दीवारों को िगरा सक और समाज का सवागीण िवकास कर सक।
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                                                  ु
                    ikBka’k& इ न क बार म कछ जान लना……………और उसकी भाषा एकथी।
                                             े
                                                             े
                                                                                              ¼i”B 32-35½
                                                                                         `

                    श ाथ –
                                                                     ँ
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                    डवलपमट – िवकास                          पर राए - रीती  रवाज़
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                                               े
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                    अटट - िजस तोड़ा न जा सक                  मौलवी - इ ाम धम का आचाय
                    कािफ़र - गर म  म                         नाक-न ा -  प-रग
                                                                                ं
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                                                                                     े
                    करबला - इ ाम का एक पिव   थान            नमाजी - िनयिमत  प स नमाज पढ़न वाला
                    सदका - एक टोटका                        पाबद - िनयम, वचन आिद का पालन करनवाला
                                                                                                   े
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                    ज  - उ व / ख़शी का जलसा                  िमया – पित
                    हािडया -   िम ी का वह छोटा गोलाकार बरतन
                      ँ
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                                                                  े
                    बीज पड़ - गठली की सहायता स उगाया गया पड़
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                    बशमार - ब त सारी                        बाज़ी - बड़ी बहन
                    कचहरी –  ायालय                          पाक - पिव
                                                                ु
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                    परवरिदगार – परम र                       मलक - दश
                                                        ू
                                 े
                                      े
                    छठी - ज  क छठ िदन का  ान / पजन / उ व
                                           े
                                                 े
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                                                                                      ु
                    वसीयत - अपनी म  स पहल ही अपनी स ित या उपभोग की व ओं को िल खत
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                                           े
                     प स िवभािजत कर दना
                    क ोिडयन - िजस स ित पर िकसी का मािलकाना हक़ न हो उसका सर ण करन                     े
                    वाला िवभाग
                      O;k[;k &
                                                            े
                                                                                   े
                                                                 े

                                                                       ु
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                              े
                            लखक  कहता  ह  िक  इ न  क  बार  म  कछ  जान  लना  इसिलए  ज़ री  ह              ै
                                                                                          े
                     ोंिक  इ न  टोपी  का  पहला  दो   था।  इस  इ न  को  टोपी  हमशा  ही  इ न
                                                                                       ु
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                    कहकर पकारता था  । इ न को इस बात का बरा लगता था। पर  जब भी टोपी उस                    े
                                                                                         ै
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                                                   े
                    इ न पकारता ह इ न उस बोलता रहा की वह गलत बोल रहा ह। वह हर समय
                                  े
                                                       े
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                                                                                                 ै
                                                                                   े
                    टोपी को अपन नाम को सही बोलन क िलए कहता रहता था। लखक कहता ह िक यह
                                                                                                        े
                                                                                ं
                                                                            ै
                                                                                                 ै
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                    नामों का जो च र होता ह वह ब त ही अजीब होता ह। िहदवी एक भाषा ह िजसक
                                                                 ु
                                ं
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                                                                         े
                                                                     ु

                    उद और िहदी दो अलग-अलग नाम ह। पर  खद दख लीिजए िक कवल नाम बदल
                                                                                                      े
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                                                                        ृ
                        े
                    जान स कसी-कसी गड़बड़ हो जाती ह। यिद नाम “क ” हो तो उस अवतार कहत ह
                                                                                                     ै
                                                                                           े
                                                                          े
                                                                            े

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                                                                    ै
                    और अगर नाम “मह द” हो तो पग र (अथात पगाम दन वाला)।  कहन का अथ ह िक
                                                          ै
                                                                  े
                                                                                     ै
                                                                े
                                                                                              े
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                    एक को ई र और दसर को ई र का पगाम दन वाला कहा जाता ह। नामों क च र म
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