Page 4 - LESSON NOTES - SAKHI - 1
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                                                                   े
               होती ह। इस पदाथ  को  ाचीन काल से इ  क  लए एक लोक  य रासाय नक
                                                                                                े
                                                                                                     ं
                                                                                        े
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                                                                  ै
               पदाथ  क  प म  इ तेमाल  कया जाता रहा ह और दु नया भर क सबस महगे पशु
                                      ै
                                                              े
                                                                                   ै
                                                                                                     ै
               उ पाद  म  स एक ह। यह नाम, सं क ृ त क से उ प न हआ ह िजसका अथ  ह
                              े
                                                                             ु
               "अंडकोष," यह लगभग समान गंध वाले एक  यापक  प से  व वध  व भ न
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                                                 ै
               पदाथ  क आस पास घूमता ह हालां क इनम  से कई काफ  अलग रासाय नक
               संरचना वाले ह । इनम  क तूर   हरण क अलावा अ य जानवर  क   थ  ाव,
                                                                                             ं
                                                                                         े
                                                            े
               समान खुशबू  बखरने वाल पौधे और ऐसी ह  खुशबू वाल  क ृ   म पदाथ  शा मल ह।
                                                                                                           ै
                                    े
                                             े
               19वीं सद  क उतराध  तक,  ाक ृ  तक क तूर  का इ तेमाल इ  म  बड़े पैमाने पर
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               तब तक  कया जाता रहा जब तक क  आ थ क और नै तक इराद  न  संथ टक
                                                                                            े
                                                                                                   े
               क तूर  को अपनाने क   दशा नह ं  दखाई, जो लगभग  वशेष  प से उपयोग  कया
               जाता ह। क तूर  क   वशेष गंध क  लए  मुख  प से िज मेदार जै वक
                        ै
                                                      े
               यौ गक    कोने ह।
                                   ै

                                                                         े
                ाक ृ  तक क तूर  फल  का आधु नक उपयोग अब कवल पारप रक चीनी दवा तक
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               सी मत ह।
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                                                             क तूर  मृग मो खडाए  प रवार का सद य
                                                                               े
               ह A यह नेपाल, भारत, पा क तान,  त बत, चीन, साइबे रया, और मंगो लया म  पाया
                 ै

               जाता ह। क तूर  को  ा त करने क  लए,  हरण को मार डाला जाता ह और उसक
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                                                                                               ै
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                 थ िजसे "क तूर  फल " भी कहा जाता ह को  नकाल  दया जाता ह । सूखने पर,
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                                                                ै
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               क तूर  फल  क अंदर भूर लाल लसदार  म ण काले दानदार साम ी म  बदल
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               जाते ह  िजसे "क तूर  दाने" कहते ह  और िजसे इसक बाद शराब स भरा जाता ह।
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                                                                                            े
               काफ  पतला  कए जाने पर ह   मलावट क  सुगंध एक सुखद गंध  दान करती ह।
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                                                                                                   े
                कसी भी अ य  ाक ृ  तक पदाथ  क साथ इतने सार  वरोधाभासी  ववरण क साथ
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                                                                        े
               ऐसी ज टल सुगंध नह ं जुड़ी ह; हालां क, इसे आमतौर पर  स धांत  प म  पशु
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