Page 1 - ln
P. 1

SAI International School

                                                          SLRC

                                               Class-IX- Hindi-B


                                     LESSON NOTE (SAMVAD LEKHAN - 1)


               संवाद लेखन की पररभाषा, संवाद लेखन क े ईदाहरण


                संवाद लेखन -  आस लेख में हम संवाद ककसे कहते हैं ? संवाद-लेखन ककसे कहते हैं ? ऄच्छी

                                                                                े
               संवाद-रचना क ललए ककन बातों का ध्यान रखना चालहए? ऄच्छ संवाद-लेखन की क्या
                              े

                                                     े
               लवशेषताएँ होती है ? आन सभी प्रश्नों क द्वारा अप सभी की संवाद-लेखन में होनी वाली
                                  a
                  े
                                                      ें
               परशालनयों को दूर करने का प्रयास करगे और ऄंत में कछ ईदाहरणों क जररए और ऄलधक स्पष्ट
                                                                                     े
                                                                      ु
                                   ें
               करने का प्रयास करगे –


                                           े
               दो या दो से ऄलधक लोगों क बीच होने वाले वाताालाप या laHkk”k.k को संवाद कहते हैं ।

               दूसर शब्दों में - संवाद का सामान्य ऄथा बातचीत है। आसमें दो या दो से ऄलधक व्यलि भाग
                    े

                                                                  े
               लेते है । ऄपने लवचारों और भावों को व्यि करने क ललए संवाद की सहायता ली जाती है।

                     a
                संवाद लेखन की पररभाषा


               जब दो या दो से ऄलधक लोगों क बीच होने वाले वाताालाप को ललखा जाता है तब वह संवाद
                                                े

               लेखन कहलाता है। संवाद लेखन काल्पलनक भी हो सकता है और ककसी वाताा को ज्यों का त्यों


               ललखकर भी ।



                                    े

               भाषा, बोलने वाले क ऄनुसार थोडी-थोडी लभन्न होती है।
                           े
               ईदाहरण क रूप में एक ऄध्यापक की भाषा छात्र की ऄपेक्षा ज्यादा संतुललत और सारगर्भभत

               (ऄथापूणा) होगी । एक पुललस ऄलधकारी की भाषा और ऄपराधी की भाषा में काफी varj
   1   2   3   4   5