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jkg u lw>uk & mik; u feyuk
                       lqjkx u feyuk & irk u feyuk




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               O;k[;k & ततारा दिन ढलन से बहुत पहल ही लपाती गाव की उस समद्री चट्टान पर पहुच गया था
                                                                                 े
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               जहा उसन वामीरो को आन क े दलए कहा था  । वामीरो क े इन्तजार में उस हर एक पल बहुत अदिक लम्बा
                                                                                                        े
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                                                     ै
               लग रहा था  । उसक अिर एक शक भी पिा हो गया था दक अगर वामीरो आई ही नहीं तो  \  उसक पास
                                                                                े
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               प्रतीक्षा करन क े अलावा और कोई चारा नहीं था ।  वामीरो ततारा से दमलन आए गई।
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                                                                                       ु
                        ततारा और वामीरो अब हर रोज उसी जगह दमलन लग  ।  लपाती क े कछ यवकों को इस प्रम क े
                                                                                                     े
                                                                   ै
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               बार में पता चल गया और ये खबर हवा की तरह हर जगह फल गई  ।  वामीरो लपाती गााँव की रहन वाली थी
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               और ततारा पासा गाव का  । िोनों का सम्बन्ध दकसी भी तरह सभव नहीं था  । क्ोंदक रीदतररवाज़ क े
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                                                             ाँ
               अनसार िोनों क े सम्बन्ध क े दलए िोनों का एक ही गाव का होना जरुरी था ।
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                                                                                              व
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                        कछ  समय  क े  बाि  पासा  गाव  में  'पश  पव  'का  आयोजन  दकया  गया।  पश  पव  में  हटVs  –कटVs
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                                                                       े
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               पशओं क े दिखाव क े अलावा पशओं से यवकों की शक्ति परखन की प्रदतयोदगताय भी होती थी  । ततारा का
                                                                                                  ं
                                                                                   े
                                                                                                     े
                                                                                 ाँ
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                                        व
               मन इन में से दकसी भी कायक्रम में नहीं लग रहा था  । उसकी परशान आख तो वामीरों को ढढन में व्यस्त
                                                                                                        े
                                                             ें
                                                                                    े
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                                                                                                    ाँ
               थी  ।जब ततारा ने वामीरो को िखा तो उसकी आख नमी से भरी थी और उसक होंठ डर कर काप रह थे  ।
                                                                                                        ु
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               ततारा को िखत ही वामीरो फट-फटकर  रोन लगी  । ततारा इस तरह वामीरो को रोता िखकर भावक हो
                                                                                                       े
                                                                       ाँ
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               गया। वामीरो क े रोन की आवाज सनकर वामीरो की मा वहा आ गई और िोनों को एक साथ िख कर
                                       ाँ
                                                                                                 े
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               गस्सा हो गई  । उसन ततारा को कई तरह से अपमादनत करना शऱू कर दिया  । गाव वाल भी ततारा क े
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                                 े
               दवरोि में बोलन लग।  लोगो की बातों को सनना अब ततारा क े दलए सहन कर पाना मक्तिल हो रहा था  ।
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               अचानक उसका हाथ उसकी तलवार पर आकर दटक गया  । गुस्स से उसन तलवार दनकाली  ।   उसन अपन            े

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               गस्स को शात करन क े दलए अपनी परी शक्ति से तलवार को िरती में गाड़ दिया और अपनी परी ताकत से
                                                                                                           ाँ
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               उस खींचन लगा ।जो लकीर ततारा ने खींची थी उस लकीर की सीि में िरती फटती जा रही थी  ।ततारा
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