Page 1 - CBW-APATHITH GADYANSH
P. 1

SAI INTERNATIONAL SCHOOL

                                                         SHS

                                                 GRADE – VIII
                                               ND
                                             2  LANG. (HINDI)
                                  Competency Based Worksheet


               पाठ- अपठठत गद्ाश
                                     ां
                                                    ू
               ठिम्नठिखित अपठठत गद्ाश को ध्यािपवक पढ़कर ठिए गए प्रश्ोां क े उत्तर ठिखिए \
                                                       क
                                        ां
               गद्ाश – 1
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               पानी जीवन का मल आधार ह। यह न कवल मनष्यों क े ललए, बल्कि पश-पलिययों, पडयों और पौधयों क े ललए
                             ै
               भी आवश्यक ह। लबना पानी क े जीवन की कल्पना भी नहीों की जा सकती। लिर भी, हम लयग पानी की
                                                                         े
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               बबादी करन में कयई कसर नहीों छयडत। जगह-जगह नल खल रहत हैं, लयग आवश्यकता से अलधक पानी
                           ें
                                                                         ु
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               बहात ह। हम पानी की कीमत कय समझना चालहए और इसका सदपययग करना चालहए। यलद हम अभी
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                                                                                ै
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               से सावधान नहीों हुए, तय आन वाल समय में पानी की भारी कमी हय सकती ह। इसललए जल सरिण समय
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                       े
               की सबस बडी आवश्यकता ह।
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               प्रश् 1: पानी लकसक ललए आवश्यक है?
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               प्रश् 2: लयग पानी की बबादी कस करत हैं?
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                                  ै
               प्रश् 3: हम पानी का कसा उपययग करना चालहए?
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               प्रश् 4: यलद हम जल सरिण नहीों करग तय क्या हयगा?
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               प्रश् 5: इस गद्ाश का उपयक्त शीर्क क्या हय सकता है?
                    ां
               गद्ाश – 2
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               मनष् समालजक प्राणी ह। वह अकल नहीों रह सकता। समाज में रहकर ही वह बयलना, समझना, काम
                                                                    ों
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                                                                                        े
               करना और आग बढ़ना सीखता ह। समाज क े लनयमयों और परपराओों का पालन करक ही समाज में शालत
                                      ै
               और व्यवस्था बनी रहती ह। यलद कयई व्यल्कक्त समाज क े लनयमयों का पालन नहीों करता, तय वह समाज से
                                                 ें
                                                                                                      ै
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               अलग-थलग पड जाता ह। इसललए हम समाज क े प्रलत अपन कतव्ययों कय नहीों भलना चालहए और सदव
                        े
               एक अछॎछ नागररक की तरह व्यवहार करना चालहए।
                         ु
               प्रश् 1: मनष् कय सामालजक प्राणी क्ययों कहा गया है?
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               प्रश् 2: समाज में शालत और व्यवस्था कस बनी रहती है?
               प्रश् 3: यलद कयई व्यल्कक्त समाज क े लनयमयों का पालन नहीों करता तय क्या हयता है?
                                           ै
                              े
               प्रश् 4: एक अछॎछ नागररक कय कसा व्यवहार करना चालहए?
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               प्रश् 5: इस गद्ाश का उपयक्त शीर्क क्या हय सकता है?

                    ां
               गद्ाश – 3
                                              ों
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               पड-पौध हमार जीवन क े ललए अत्यत आवश्यक ह। ये न कवल हम शद्ध हवा दत हैं, बल्कि छाया, िल-
                                                                     े
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               िल, लकडी और जडी-बलिया भी प्रदान करत ह। ये वर्ा लान में मदद करत हैं और पयावरण कय
                                                                                          ू
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                                      े
               सतललत बनाए रखत ह। पडयों की किाई से पयावरण असतललत हय जाता है, लजसस प्रदर्ण और
                                                   ें
                                                                             े
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               प्राकलतक आपदाए बढ़ जाती ह। अतः  हम अलधक से अलधक पड लगान चालहए और उनका सरिण
               करना चालहए।
                                 ें
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               प्रश् 1: पड-पौध हम क्या-क्या दत हैं?
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               प्रश् 2: पड वर्ा लान में कस सहायक हयत हैं?
                       े
               प्रश् 3: पडयों की किाई से क्या हालन हयती है?
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