Page 2 - CBW-APATHITH GADYANSH
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प्रश् 4: हम क्या करना चालहए?
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प्रश् 5: इस गद्ाश का उलचत शीर्क क्या हयगा?
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गद्ाश – 4
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स्वास्थ् ही सबस बडा धन ह। यलद शरीर स्वस्थ न हय, तय कयई भी काय ठीक प्रकार से नहीों लकया जा
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सकता। लनयलमत लदनचया, सतललत भयजन, व्यायाम और स्वछॎछता अछॎछ स्वास्थ् क े मख्य स्तभ ह।
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आजकल बच्च जक िड और मयबाइल पर अलधक समय लबतात हैं, लजसस उनका स्वास्थ् प्रभालवत हय
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रहा ह। अतः हम अपनी आदतयों में सधार लाकर स्वस्थ जीवन जीन का प्रयास करना चालहए।
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प्रश् 1: सबस बडा धन क्या है?
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प्रश् 2: अछॎछ स्वास्थ् क े ललए लकन बातयों का ध्यान रखना चालहए?
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प्रश् 3: आजकल बच्चयों की कौन-सी आदत स्वास्थ् पर बरा प्रभाव डाल रही हैं?
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प्रश् 4: हम क्या करना चालहए?
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प्रश् 5: इस गद्ाश का शीर्क क्या हय सकता है?
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गद्ाश – 5
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भारत त्ययहारयों का दश ह। यहा लवलभन्न धमों, जालतययों और समदाययों क े लयग लमल-जलकर रहत हैं और
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सभी अपन-अपन त्ययहारयों कय हर्ोल्लास से मनात ह। दीपावली, हयली, ईद, लिसमस, गरुपव आलद
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त्ययहार यहा की सास्कलतक लवलवधता कय दशात ह। इन त्ययहारयों का न कवल धालमक महत्व हयता है,
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बल्कि ये सामालजक एकता और भाईचार का भी प्रतीक हयत ह। त्ययहारयों क े अवसर पर लयग अपन परान े
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मतभद भल जात हैं और एक-दसर कय गल लगात ह। बच्च नए कपड पहनत हैं, लमठाइया बािी जाती हैं
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और घरयों कय सजाया जाता ह।
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हालालक, अब त्ययहारयों का स्वऱूप कछ बदल रहा ह। पहल जहा लयग पारपररक तरीकयों से त्ययहार मनात े
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थे, वहीों अब बाजारवाद का प्रभाव अलधक हय गया ह। कछ लयग त्ययहारयों कय लदखाव का माध्यम मानन े
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लग ह। हम चालहए लक हम त्ययहारयों की सच्ची भावना कय समझ और उन्ह सादगी, प्रम और भाईचार से
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मनाए।
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प्रश् 1: भारत कय त्ययहारयों का दश क्ययों कहा गया है?
प्रश् 2: त्ययहारयों का क्या महत्व है?
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प्रश् 3: त्ययहारयों क े समय लयग क्या करत हैं?
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प्रश् 4: आजकल त्ययहारयों का स्वऱूप कस बदल रहा है?
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प्रश् 5: हम त्ययहार कस मनान चालहए?
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गद्ाश – 6
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महात्मा गाधी का जन्म 2 अक्टबर 1869 कय पयरबदर, गजरात में हुआ था। उन्हयोंन सत्य और अलहसा क े
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माग पर चलकर भारत कय स्वतत्रता लदलान में महत्वपण भलमका लनभाई। गाधी जी ने ‘सत्याग्रह’ और
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‘अलहसात्मक आदयलन’ जस हलथयारयों का प्रययग करक अग्रजयों की कठयर नीलतययों का लवरयध लकया।
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उन्हयोंन हमशा स्वदशी वस्तओों कय अपनान और लवदशी वस्तओों क े बलहष्कार पर जयर लदया। उनक
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अनसार, यलद हम आत्मलनभर बन तय हम लकसी लवदशी सहायता की आवश्यकता नहीों हयगी।गाधी जी ने
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न क ेवल स्वतत्रता सग्राम लडा, बल्कि समाज सधार क े कायों में भी भाग ललया। उन्हयोंन छआछत, बाल
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लववाह और शराब जस सामालजक बराइययों क े ल्कखलाि आवाज़ उठाई। वे सभी धमों कय समान सम्मान
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दन में लवश्वास रखत थ। आज भी उनक लवचार और आदश हम प्ररणा दत ह। यही कारण है लक उन्ह ें
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‘राष्ट् र लपता’ कहा जाता ह।
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प्रश् 1: महात्मा गाधी का जन्म कब और कहा हुआ था?
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प्रश् 2: गाधी जी ने भारत की आज़ादी क े ललए कौन-से दय मख्य हलथयार अपनाए?
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प्रश् 3: गाधी जी स्वदशी वस्तओों कय क्ययों अपनान की बात करत थे?