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SAI INTERNATIONAL SCHOOL

                                                          SHS

                                                    GRADE – VI
                                                 ND
                                               2  LANG. (HINDI)
               पाठ- गोल

                 े
               लखक – मेजर ध्यानचंद जी
               Lesson Notes  -

               Learning Objective
                                             े
                                                                                    ें
                                                                                      े
                                                                       े
                                                                            े
                                                                               ें
               1. विद्यार्थी मेजर ध्यानचंद क जीिन और उपलब्धियों क बार म जानग |
               2. खेल भािना और सकारात्मक दृब्टिकोण का महत्त्ि समझग |
                                                                           े
                                                                          ें
                                           े
                          क
               3. िीम िक और सहयोग क महत्त्ि को समझग |
                                                              े
                                                            ें
                                                                                       े
               4. पाठ से संबंधित नए शधदों और अभभव्यब्ततयों का प्रयोग करना सीखग |
                                                                                     ें
               5. खल स जुड़े अनुभिों को साझा करने म सक्षम होंग |
                     े
                                                                    े
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               पाठ का सार -
                                                                        ै
                                                                                     े
               "गोल" पाठ, कक्षा 6 हहंदी मल्हार पुस्तक का दूसरा पाठ ह, जो हॉकी क महान खखलाड़ी
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                                                                             ै
                                                                                          ें
                                                            े
                                                                 े
                                                                    ें
               ध्यानचंद क जीिन और उनकी खेल भािना क बार म बताता ह। इस पाठ म, ध्यानचंद
                                                             े
                                                                         े
               हॉकी म गोल करने की अपनी क ु शलता और खल भािना क बार म बताते ह। िे बताते ह
                                                                              े
                                                                                 ें
                       ें
                                                                                                      ैं
                                                                                          ैं
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                                                                             ै
               कक कसे उन्होंने अपने खेल से दश को गौरिाब्न्ित ककया और कसे उन्होंने हमेशा िीम की
               सफलता को व्यब्ततगत जीत से ऊपर रखा।
               पाठ का सारांश:
              ध्यानचंद की कहानी:
                                                                                               े
               पाठ म ध्यानचंद क बचपन और हॉकी क प्रतत उनक प्यार की चचाक ह। िे बतात ह कक
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                                                                  े
                                                                                    ै
                      ें
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                                   ें
               कसे उन्होंने हॉकी म महारत हाभसल की और कसे िे एक महान खखलाड़ी बने।
                 ै
              खेल भावना:
                                               े
                                                           ें
               ध्यानचंद बताते ह कक सच्ची खल भािना म िीम की जीत को व्यब्ततगत जीत से अधिक
                                 ैं
                        े
               महत्ि दना चाहहए। िे कहते ह कक हार या जीत भसफ एक खखलाड़ी की नहीं, बब्ल्क पूर दश
                                                                                                     े
                                                                                                       े
                                                                   क
                                             ैं
               की होती ह।
                          ै
               राष्ट्रप्रेम:
                                                                                     ैं
                                  े
                                                                        ै
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               पाठ म ध्यानचंद क राटरप्रेम की भािना भी हदखाई गई ह। िे बताते ह कक कसे उन्होंने दश
                      ें
               को हॉकी म नंबर िन बनाने क भलए कड़ी मेहनत की।
                                              े
                           ें
              लक्ष्य और सफलता:
               ध्यानचंद बताते ह कक सफलता क भलए लगन, मेहनत और लक्ष्य की आिश्यकता होती
                                                े
                                 ैं
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                                                                                  े
               ह। िे कहते ह कक अगर कोई व्यब्तत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने क भलए दृढ़ संकब्ल्पत हो
               तो िह तनब्श्चत ऱूप से सफल हो सकता ह।
                                                         ै
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