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खेलक ू द-, मौिमस्ती तर्ा आलस्य म खो दते ह िे िीिन भर पिताते रहते ह-, क्योंकक िे
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अच्िी मशक्षा प्राप्त करने स िधचत रह िाते ह और िीिन म उन्नछत नह कर पाते। मनुष्य
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का कतथव्य ह कक िो क्षण बीत गए ह, उनकी धचांता करने क बिाय िो अब हमार सामने ह,
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उसका सदुपयोग कर।
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