Page 2 - CBW
P. 2
(ख) ककसने सुख क सार् िीिन गुिारा
े
(i) जिसने दुछनया म खूब धन कमाया
ें
(ii) जिसने मीिी बाणी बोल
(iii) जिसने समय की कद्र की
(iv) जिसने समय को बबाथद ककया
(ग) सकड क सौि ठहस्स स पदक कौन चूक िाता ह ै
े
े
ां
े
ें
े
(i) खखलाडी जिसने मामूल अांतर स पदक गांिा ठदया हो
े
(ii) िह यात्री जिसकी ट्रन ि ू ट गई
े
(iii) उपयुथक्त दोनों लोग
(iv) इनम कोई नह ां
ें
(घ) समय को महत्त्ि दने िालों का िीिन कसा होगा?
े
ै
(ङ) कौन व्यजक्त स्ियां बबाथद हो िाता ह?
ै
ें
(च) “समय का हर पल कीमती होता ह। इस कर्न क मलए गदयाांश म कौन-सा उदाहरण
े
ै
पेश ककया गया ह?
ै
2. बढ़ती िनसांख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओां को िन्म ठदया हरोट -, कपडा, मकान की
ै
ां
कमी, बेरोिगार , छनरक्षता, क ृ वष एि उदयोगों क उत्पादनों म कमी आठद। हम जितनी अधधक
ें
े
ैं
ां
ैं
ै
ें
उन्नछत करते ह या विकास करते ह, िनसख्या उसक अनुपात म बढ़ िाती ह। बढ़ती
े
िनसांख्या क समक्ष हमारा विकास बहत कम रह िाता ह और विकास कायथ ठदखाई नह
ां
ै
े
ु
े
ैं
े
ां
े
दते। बढ़ती िनसख्या क समक्ष सभी सरकार प्रयास असफल ठदखाई दते ह। क ृ वष उत्पादन
और औदयोधगक विकास बढ़ती िनसांख्या क सामने नगण्य मसदध हो रह ह। इन सभी बातों
ैं
े
े
े
ें
ां
को ध्यान म रखते हए िनसख्या िृदधध पर छनयत्रांण की अछत आिश्यकता ह। इसक बबना
ै
ु
विकास क मलए ककए गए सभी प्रकार क प्रयत्न अधूर रह िाएग।
े
े
े
ँ
े
प्रश्न -
(क बढ़ती िनसांख्या ने ककसे िन्म ठदया ह?
ै
(ख विकास कायथ क्यों नह ां ठदखाई दते
े
(ग बढ़ती िनसांख्या क सामने कौन से प्रयास असफल ठदखाई दते ह ?
े
े
ैं
• नीचे ठिए गए गद्ािंश से पााँच प्रश्न बनाकर उत्तर लिि |
ें
ें
े
ां
ै
ां
1. ससार म सबस मूल्यािान िस्तु समय ह क्योंकक दुछनया की अधधकाश िस्तुओां को घटाया-
े
ें
ै
बढ़ाया िा सकता ह, पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना व्यजक्त क बस म नह ां ह। समय
ै
े
क बीत िाने पर व्यजक्त क पास पिताि क अलािा क ु ि नह होता। विदयार्ी क मलए तो
ां
े
े
े
े
समय का और भी अधधक महत्त्ि ह। विदयार्ी िीिन का उददश्य ह मशक्षा प्राप्त करना।
ै
े
ै
े
ै
समय क उपयोग स ह मशक्षा प्राप्त की िा सकती ह। िो विदयार्ी अपना बहमूल्य समय
े
ु