Page 2 - CH-ATITHI DEVA BHAVA (LIT) LN
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क्षीर – र्ूि
                   ं
               वपितत – पीती ह।
                              ै
               िेत् – यदर् ।
               मतर् मतर् – िीर-िीर ।
                              े
                   ं
                        ं
                                  े
               पृषठतः – पीछ-पीछ।
                            े
                                े
               कायदकिापान् – गततविचियों का ।
               दृषट्िा – र्खकर।
                         े
               Meaning of the paragraph-
                                               े
               ततिी िरीर स सुर्र, मृदिी स्पिद स /छ ू न म अत्यंत कोमि। ििि िीते क िर्द (रग) क और भीम
                            े
                               ं
                                                                                         ं
                                                                                             े
                                                                                 े
                                                    े
                                                      ें
                                           ै
                                                                                    ै
                                                       ै
               क ु छ मो्ी। बिल्िी कि र्ाती ह, कि आती ह। यह सि भी राचिका र्ानती ह। िह बिल्िी को र्ूि
                                                                                                   े
                 े
                                                ें
                     ै
                                                                               े
                                        ै
                                                                                     ै
               र्ती ह। बिल्िी र्ूि पीती ह। िार् म िह ितयिार् सदहत राचिका को र्खती ह कक ंतु बिल्िी क िच्िे
                                                                                                   े
                                                         े
                                                                       ै
                 े
                                         े
                                                                                     े
               क पास राचिका र्ाती ह िीर-िीर (बिल्िी) पीछ से आ र्ाती ह। राचिका को र्खकर बिल्िी क िच्िे
                                             े
                                     ै
               भयभीत नही होत। र्ार्ी राचिका की गततविचियों को र्खकर हाँसती ह।
                               े
                                                                े
                                                                             ै
                           ं

               Paragraph-3

               शब्दािाा: – Word meanings
               यर्ा- र्ि ।
               तर्ा – ति |
               तषाम् – उनकी
                 े
               एतादृि – इस तरह क ।
                                  े
               वपतामह्या: – र्ार्ी क ।
                                  े
               पररतः – िारों ओर |
               इि – समान ।
               स्थापयतती – डािती हई ।
                                   ु
               ककमथदम् – क्यों / ककसशिए।
               मातामही – नानी |
               अस्माक – हमार ।
                             े
                      ं
               आदर्नं – दर्न – भर ।
               िार िार – िार-िार ।
                  ं
                      ं
               िात्सल्यन – स्नेह से।
                       े
               Meaning of the paragraph-
               िह राचिका से कहती ह- राचिका ! अततचथ कि आते ह। यह हम नहीं र्ानते हें। कक ं तु र्ि
                                                                     ैं
                                      ै
                                                                                           े
                                                                                              ें
                             ैं
                                                                                      े
               िे यहााँ आते ह ति उनकी इस प्रकार सेिा करनी िादहए। राचिका र्ार्ी क गि म िारों ओर
               मािा की भााँतत हाथों को रख ती हई पूछती ह – ठीक ह, करती हाँ। कक ं तु ककसशिए? नानी
                                                            ै
                                                                     ै
                                                 ु
                                                                              ू
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