Page 1 - CH-ATITHI DEVA BHAVA (LIT) LN
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SAI International School

                                                            Class- VI

                                                                   nd
                                             Sub -Sanskrit(2  language)
                                                                     LN
                                 अतिथिदवो भव (अतिथि को दविा समझो)
                                            े
                                                                        े

               Paragraph-1

               शब्दािाा:-  Word meanings

               क ू र्माना – क ू र्ती हई ।
                  द
                                 ु
               यतः – क्योंकक ।
               नूतना: – नय ।
                           े
               अततथयः – मेहमान |
               विशिष्ाः – वििेष |
               शमशित्िा-शमिकर |

               अहोरात्रं- दर्न-रात |
               एकत्र – इकट्ठी ।
               छदयाः उपरर – छत क ऊपर ।
                                   े
               काचित् – कोई।

               मार्ादरी- बिल्िी |
               िािका:- िच्िे ।
               चिन्तततिती – सोिती ह।
                                     ै
               Meaning of the paragraph-

                                                                                         े
                                 ें
                                                                                                        ैं
                                                                                  ैं
                                                                    ें
                                                      ै
               राचिका इन दर्नों म क ू र्ती हई ही ििती ह। क्योंकक घर म नए अततचथ ह और ि खास (वििेष) ह।
                                         ु
               मााँ, र्ो पुत्र और र्ो पुत्रीया य सि शमिाकर िहााँ पााँि ह।
                                        े
                                                                ैं
                                                    ै
                                                           े
                                                                  े
                                                                            ं
                                                                                         ै
               दर्न-रात उतहीं की चिंता इकट्ठी रहती ह। घर क छत क ऊपर ,िही उसका मन ह। कौतूहि
               (उत्सुकता )हो रही है, िे सि कौन ह? िे कोई और नहीं, कोई एक बिल्िी और उसक िार िच्िे ह। हााँ,
                                                                                         े
                                                                                                     ैं
                                                ैं
               िे ही वििेष अततचथ ह। उसने उनक नाम भी सोिे हैं – ततिी, मृदिी, ििि और भीम इस प्रकार ह।
                                   ैं
                                               े
                                                                                                      ैं

               Paragraph-2

               िब्र्ाथादः- Word meanings
               आक ृ त्या – आक ृ तत स।
                                  े
               ककन्चित् – क ु छ।
               स्थूिः – मो्ा |
               मार्ादरी – बिल्िी।
               कर्ा – कि ।
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