Page 5 - LN-KHUSHBOO RACHATE HAATH
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यहीं इस गली में बनती हैं


           मुल्क की मशऺूर अगरबबत्तयााँ



                               े
           इन्हीं गंदे मुहल्लों क गंदे लोग

                      े
           बनाते हैं कवड़ा गुलाब खस और रातरानी अगरबबत्तयााँ


           दुबनया की सारी गंदगी क बीच
                                    े


           दुबनया की सारी खुशबू



           रचते रहते हैं हाथ


           खुशबू रचते हैं हाथ



           खुशबू रचते हैं हाथ ।




           शब्दाथत -



           मुल्क - देश


                                         े
           कवड़ा - एक छोटा वृि बजसक फल अपनी सुगंध क बलए प्रबसद्ध हैं
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                                                              े
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           खस - पोस्ता


                                     ू
           रातरानी - एक सुगंबधत फल


           मशऺूर - प्रबसद्ध



           व्याख्या - कबव कहता है दक इसी तंग गली में पूर देश की प्रबसद्ध अगरबबत्तयााँ बनती हैं उस गंदे
                                                             े
                                                                                                 ।


           मुहल्ले क गंदे लोग (गरीब लोग) ही कवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी की खुशबू वाली अगरबबत्तयााँ
                    े
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