Page 2 - LN-KHUSHBOO RACHATE HAATH
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           दूरदराज़ क सबसे गंदे और बदबूदार इलाकों में जीवन बबता रहे हैं स्वस्थ समाज क बनमातण में योगदान
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           करने वाले ये लोग इतने उपेबित हैं! कबव यहााँ प्रश्न कर रहा है दक आबखर कब तक ऐसा चलने वाला





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           पाठ सार




            पाठ की दूसरी कबवता ‘खुशबू रचते हैं हाथ’ में कबव ने सामाबजक बवषमताओं को बेनकाब दकया है।



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                                                                     ।
           इस कबवता में कबव ने गरीबों क जीवन पर प्रकाश डाला है कबव कहता है दक अगरबत्ती का इस्तेमाल

                                                                                                           े
                                                                                                      े
           लगभग हर व्यबि करता है । इस कबवता में कबव ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों क बार में
           बताया है जो खुशबू से कोसों दूर है। ऐसा कबव ने इसबलए कहा है क्योंदक अगरबत्ती का कारखाना



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                                                                                                                े
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           अकसर दकसी तंग गली में, घरों और सड़कों क दकनार गंदे पानी क बहाव क बलए बनाए गए रास्ता क
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           पार और बदबूदार कड़े क ढर क समीप होता है। कबव कहता है दक अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों क
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           हाथ तरह-तरह क होते हैं। दकसी क हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। दकसी क हाथों क नाखून बघसे हुए
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           होते हैं । कछ कारीगरों क हाथ गंदे, कटे-बपटे और चोट क कारण फटे हुए भी होते हैं। कबव कहता है दक
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           दूसरों क बलए खुशबू बनाने वाले खुद न जाने दकतनी और कसी तकलीफों का सामना करते हैंकबव
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           कहता है दक यह एक बवडंबना ही है दक दुबनया की सारी खुशबू उन गबलयों में बनती है जहााँ दुबनया भर
           की गंदगी समाई होती है।
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